देश में सूखे की मार: 10 साल में सबसे सूखा नवंबर, पूर्वोत्तर मानसून बुरी तरह कमजोर

By: AVM GP Sharma | Edited By: Mohini Sharma
Dec 1, 2025, 5:30 PM
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मुख्य मौसम बिंदु

  • नवंबर 2025 में pan-India बारिश 43% कम रही, 2018 के बाद दूसरा सबसे सूखा नवंबर।
  • पूर्वोत्तर मानसून दक्षिण भारत में बुरी तरह विफल, कई उप-मंडलों में 80% से अधिक कमी।
  • चक्रवात दितवाह कमजोर होने के बाद तटीय आंध्र प्रदेश में सीमित बारिश हुई।
  • दिसंबर के पहले 10 दिनों में दक्षिण भारत में कोई जोरदार बारिश के आसार नहीं।

नवंबर 2025 का महीना भारत के लिए बेहद सूखा रहा। पूरे देश में औसतन सिर्फ 17 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश 29.7 मिमी होती है, यानी 43% की कमी रही। यह वर्ष 2018 के बाद दूसरा सबसे कम बारिश वाला नवंबर रहा। सबसे बड़ी चिंता यह रही कि पूर्वोत्तर मानसून (Northeast Monsoon), जिसकी इस महीने में सबसे ज्यादा अहमियत होती है, पूरी तरह फेल हो गया। नवंबर, जो दक्षिण भारत के लिए सबसे बारिश वाला महीना माना जाता है, इस बार लगभग पूरी तरह सूखा साबित हुआ।

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उत्तर भारत में सामान्य रूप से सूखा

उत्तर भारत में नवंबर आमतौर पर कम बारिश का महीना होता है, लेकिन दक्षिण भारत के लिए यह वर्ष का सबसे बारिश वाला महीना होता है। इस बार पूर्वोत्तर मानसून की विफलता के कारण दक्षिण भारत के राज्यों में बारिश लगभग नदारद रही और मौसम पूरी तरह सूखा बना रहा, जिससे स्थिति और खराब हो गई।

नवंबर 2016–2025: बारिश की कमी-अधिकता का ट्रेंड

पिछले 10 वर्षों के नवंबर महीने के बारिश के प्रतिशत बताते हैं कि 2025 का नवंबर सबसे खराब महीनों में से एक रहा। 2016 में बारिश में 70% की कमी रही, 2017 में 50%, 2018 में 29%, जबकि कुछ साल जैसे 2019 और 2021 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज हुई। लेकिन 2024 में -55% और 2025 में -43% की कमी के साथ लगातार दो वर्ष बेहद कमजोर रहे। इस तरह 2025 का नवंबर बारिश के मामले में बेहद निराशाजनक रहा।

कौन से क्षेत्र सामान्य या अधिक बारिश वाले रहे

कुछ क्षेत्र ऐसे रहे जिन्होंने स्थिति को थोड़ा संभाला और सामान्य या अधिक बारिश दर्ज की। इनमेंबिहार, सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, कोंकण और गोवा, सौराष्ट्र और कच्छ शामिल हैं। इन क्षेत्रों को छोड़कर लगभग पूरा भारत बारिश की कमी से जूझता रहा है।

उत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षिण के कई हिस्से सबसे कमजोर

सबसे खराब प्रदर्शन करने वालों में उत्तर भारत के पर्वतीय और मैदानी क्षेत्र शामिल रहे। मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों (गुजरात को छोड़कर) में बारिश की कमी 80% से अधिक रही। दक्षिण में पूर्वोत्तर मानसून प्रभावित करने वाले 5 उप-मंडलों में से 4 में भारी कमी दर्ज की गई। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में बारिश की कमी 80% से ऊपर रही, जबकि तमिलनाडु में कमी अपेक्षाकृत कम सिर्फ 18% रही है। ध्यान रहे कि तमिलनाडु के लिए यही मौसम मुख्य बारिश का सीजन होता है।

चक्रवात कमजोर होने से दक्षिण भारत में बारिश कम

चक्रवात दितवाह आंध्र तट के पास कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल चुका है। इसके प्रभाव से आज तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है, लेकिन दक्षिण भारत में जोरदार मानसून जैसी कोई स्थिति बनने की उम्मीद नहीं है। पहले 10 दिनों के दौरान दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और केरल के आंतरिक भागों में एक दिन के लिए बारिश हो सकती है।

दिसंबर के दूसरे हिस्से में मानसून और अधिक कमजोर होगा

दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में उत्तर-पूर्व मानसून सामान्य रूप से भी कमजोर हो जाता है। इस बार तो मानसून पहले ही कमजोर है, इसलिए आने वाले समय में दक्षिण भारत में बारिश और अधिक कम हो जाएगी और मौसम पूरी तरह शुष्क होने लगेगा।

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AVM GP Sharma
President of Meteorology & Climate Change
AVM Sharma, President of Meteorology & Climate Change at Skymet Weather Services, is a retired Indian Air Force officer who previously led the Meteorological Branch at Air Headquarters in New Delhi. With over a decade of experience at Skymet, he brings a wealth of knowledge and expertise to the organization.
FAQ

नवंबर 2025 में पूर्वोत्तर मानसून लगभग पूरी तरह विफल रहा, जिससे दक्षिण भारत और मध्य भारत में बारिश की 80% तक की कमी दर्ज हुई। इसी कारण यह महीना बेहद सूखा रहा।

मध्य भारत, उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्र, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश सबसे खराब प्रदर्शन वाले क्षेत्र रहे, जहाँ बारिश 80% से भी कम रही।

दिसंबर के पहले 10 दिनों में दक्षिण भारत में कोई मजबूत मानसूनी गतिविधि नहीं होगी। केवल तटीय आंध्र और केरल में एक दिन हल्की से मध्यम बारिश संभव है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है