

मानसून के अंतिम चरण में यह देश के पूर्वी हिस्सों में सक्रिय होगा। खासकर बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में अगले तीन दिनों तक अच्छी बारिश होगी। इसके बाद भी बारिश जारी रहेगी, लेकिन इसकी तीव्रता और दायरा कम हो जाएगा। बिहार के सीमांचल क्षेत्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश के तराई इलाके में भारी बारिश का खतरा रहेगा।
बारिश की कमी और किसानों की उम्मीद
इस सीजन में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है। अभी तक बिहार में 30% और पूर्वी यूपी में 17% बारिश की कमी दर्ज है। हालांकि झारखंड में 20% ज्यादा बारिश हुई है। आने वाले इस बरसाती दौर से कमी कुछ हद तक कम हो सकती है और किसानों को राहत की उम्मीद मिलेगी।
बारिश की वजह: ट्रफ और चक्रवातीय प्रणालियाँ
पश्चिमी उत्तर प्रदेश से उत्तर-पश्चिम बंगाल तक एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ (दबाव की रेखा) बनी हुई है, जो पूर्वी यूपी और बिहार से होकर गुजर रही है। इस पर दो चक्रवाती हवाओं का घेरा बना हुआ है-एक मध्य यूपी में और दूसरा पूर्वी बिहार में। विदर्भ और मध्य प्रदेश के ऊपर बना पुराना लो-प्रेशर भी इसमें मिल सकता है, जिससे यह ट्रफ और मजबूत हो जाएगी और बारिश बढ़ेगी।
किन-किन जगहों पर भारी बारिश होगी?
• बिहार: किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, मधेपुरा, सुपौल, फोर्बिसगंज, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मुजफ्फरपुर, चंपारण, सीतामढ़ी
• उत्तर प्रदेश: महाराजगंज, देवरिया, गोरखपुर, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच, फैजाबाद, सुल्तानपुर
• झारखंड: देवघर, दुमका, धनबाद, बोकारो, रांची, हजारीबाग, गढ़वा, पलामू
बाकी इलाकों में भी छिटपुट बारिश होगी।
मानसून विदाई का समय
इन राज्यों से मानसून की वापसी अभी जल्दी नहीं होगी। सितंबर के आखिरी दिनों से पहले इसकी विदाई मुश्किल है। यहां तक कि यह अक्टूबर के पहले हफ्ते तक भी खिंच सकता है।