Cyclone Update: चक्रवात दितवाह हुआ कमजोर, डिप्रेशन में बदला, आंध्र प्रदेश में लगातार बारिश जारी
मुख्य मौसम बिंदु
- Ditwah चक्रवात कमजोर होकर डिप्रेशन में बदला, चेन्नई से 50 किमी पूर्व समुद्र में केंद्रित।
- श्रीलंका में 300+ मौतों के बाद यह भारत तट तक पहुँचने से पहले ही कमजोर हो गया।
- दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश-कवाली में 114 मिमी, नेल्लोर में 40 मिमी दर्ज।
- सिस्टम तट तक आगे नहीं बढ़ेगा; 3 दिसंबर से सामान्य मानसून गतिविधि लौटेगी।
चक्रवाती तूफान दितवाह (Ditwah) कमजोर होकर डिप्रेशन में बदल गया है। आज सुबह 8:30 बजे इसका केंद्र समुद्र में चेन्नई से लगभग 50 किमी पूर्व स्थित था। यह डिप्रेशन आगे और कमजोर होगा, फिर तट से थोड़ी दूरी बनाए रखते हुए उत्तर दिशा में आगे बढ़ेगा। वहीं, इस प्रणाली के अवशेष समुद्र में ही बने रहने की संभावना है, जिससे मौसम का प्रभाव केवल तटीय आंध्र प्रदेश तक सीमित रहेगा।

तूफान दितवाह हुआ कमजोर, फोेटो: Himawari Satellite
श्रीलंका में भारी तबाही – 300 से अधिक मौतें
इससे पहले तूफान Ditwah ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई, जिसमें 300 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। देश चारों तरफ से पानी से घिरा होने के कारण, तूफान भूमि पर पहुँचने के बाद भी कमजोर नहीं हुआ। तमिलनाडु तट के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में पहुँचकर यह कमजोर हुआ। इसने तमिलनाडु के तट को बड़े नुकसान से बचा लिया और चेन्नई से काफी पहले ही समुद्र में कमजोर हो गया है।
दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में भारी बारिश – हवा भी शांत
इस डिप्रेशन से दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। जिसमें कवाली में पिछले 24 घंटों में 114 मिमी और नेल्लोर में 40 मिमी बारिश दर्ज हुई। वहीं, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश तटों पर हवा की रफ्तार भी अब काफी कम हो गई है। इस मौसम प्रणाली तट के अंदरूनी हिस्सों तक आगे बढ़ने की संभावना नहीं है आंध्र प्रदेश तट से दूर समुद्र में ही खत्म हो जाएगी। जिससे जमीन पर तूफानी हालात कम हो जाएंगे, लेकिन समुद्र में हलचल अगले 24 घंटे तक जारी रह सकती है।
अगले 24 घंटे आंध्र प्रदेश में भारी बारिश
अगले 24 घंटों में दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में कुछ स्थानों पर भारी बारिश और तेज़ हवाएँ चल सकती हैं। कवाली से काकीनाडा तक का तटीय क्षेत्र लगातार बारिश के मध्यम जोखिम में रहेगा। जहाँ तगड़ी मौसम गतिविधि की संभावना है, वे स्थान कवाली, नेल्लोर, ओंगोले, गुडुर, बापटल, मछलीपट्टनम, काकीनाडा, और यनम (पुडुचेरी) हैं। 3 दिसंबर से सामान्य उत्तर-पूर्व मानसून की गतिविधियाँ फिर से शुरू हो जाएँगी।
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