मानसून 2025: जून से अगस्त तक तीनों महीने सामान्य से ज्यादा बारिश, अब शुरू होगा विदाई दौर
Sep 2, 2025, 7:15 PM | Skymet Weather Team
WhatsApp iconShare icon
thumbnail image

जून से अगस्त तक सामान्य से ज्यादा बारिश

दक्षिण-पश्चिम मानसून अब अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है। मानसून का चौथा और आखिरी महीना सितंबर, जून के साथ मिलकर सबसे कम बारिश वाला महीना माना जाता है। जून का अधिकांश हिस्सा मानसून के आगमन में बीतता है, जबकि सितंबर से मानसून की वापसी की शुरुआत होती है। आमतौर पर सितंबर के अंत तक पश्चिमी राजस्थान से मानसून की वापसी हो जाती है और इसके बाद यह उत्तरी मैदानी इलाकों, पर्वतीय राज्यों, दिल्ली और पश्चिमी हिस्सों से भी पीछे हट जाता है। हालांकि, पिछले वर्षों के रिकॉर्ड बताते हैं कि मानसून की वापसी अकसर देर से होती है और यह उत्तर भारत में ज्यादा समय तक ठहर जाता है।

इस साल मानसून का प्रदर्शन

इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य से पहले, यानी 24 मई 2025 को ही पहुंच गया था और तय तारीख से पहले पूरे देश को कवर कर लिया। हालांकि शुरुआत में दो हफ्ते तक मानसून की प्रगति धीमी रही, लेकिन इसके बाद यह अच्छे रफ्तार से बढ़ा। इस बार मानसून का वितरण (समय और जगह दोनों) संतुलित रहा है।

जून, जुलाई और अगस्त तीनों रहे बेहतर

इस बार मानसून की सबसे खास बात यह रही कि लगातार तीनों महीने जून, जुलाई और अगस्त में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई हुई है। जिसें जून में 109%, जुलाई में 105% और अगस्त में 105% (दीर्घकालिक औसत के अनुसार) बारिश दर्ज हुई है। यह स्थिति बेहद दुर्लभ है और अतीत में बहुत कम बार देखने को मिली है।

मासिक वर्षा (जून, जुलाई और अगस्त) : अधिकता-कमी (%)

मासिक वर्षा (जून, जुलाई और अगस्त) : अधिकता-कमी (%)

पिछले वर्षों की तुलना

2013 से 2024 के बीच हर साल कम से कम एक महीना सामान्य से कम बारिश वाला रहा। 2014 और 2017 में तो तीनों महीने (जून, जुलाई और अगस्त) औसत से कम बारिश वाले थे। 2013 उन बेहतरीन वर्षों में से एक था, जब जून, जुलाई और अगस्त ने क्रमश: 134%, 107% और 98% बारिश दर्ज की थी।

इस सीजन की स्थिति

1 जून से 31 अगस्त 2025 के बीच, पूरे देश में औसत से बेहतर बारिश दर्ज की गई है। अब तक मौसमी बारिश 106% दीर्घकालिक औसत (LPA) रही है। यानी इस साल मानसून का प्रदर्शन अब तक बहुत अच्छा रहा है और इसे सफल मानसून सीजन कहा जा सकता है।