

मुंबई में जून का महीना अपेक्षाकृत अच्छा रहा और सामान्य बारिश के आंकड़े को छू लिया। लेकिन जुलाई, जो कि आमतौर पर शहर के लिए सबसे अधिक वर्षा वाला महीना होता है, अब तक शांत बना हुआ है। सांताक्रूज स्थित हवाई अड्डा वेधशाला में 1 से 11 जुलाई 2025 के बीच 168.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं कोलाबा वेधशाला में सिर्फ 95.8 मिमी वर्षा हुई। सबसे चिंताजनक बात यह है कि अगले 10 दिनों तक भी मुंबई में पारंपरिक भारी बारिश के आसार नहीं हैं, और यह शुष्क दौर अधिक लंबा खिंच सकता है।
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मानसून की धार कमजोर, अरब सागर से हवाएं भी ठहरी हुईं
अरब सागर से आने वाली पश्चिमी दिशा की मजबूत मानसूनी हवाएं, जो आमतौर पर कोंकण तट से टकराकर भारी बारिश लाती हैं, फिलहाल निष्क्रिय हैं। वहीं, समुद्र तट के साथ बनने वाला स्थायी ऑफ-शोर ट्रफ भी सक्रिय नहीं हो पा रहा। बंगाल की खाड़ी से उठने वाले मॉनसून सिस्टम (निम्न दबाव क्षेत्र) भी अब अपनी ताकत खोते जा रहे हैं, इससे पहले कि वे मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सीमा पर पहुंचें।
वर्तमान में झारखंड पर बना निम्न दबाव क्षेत्र पहले ही कमजोर हो चुका है। उसका बचा हुआ चक्रीय परिसंचरण (cyclonic circulation) 13-14 जुलाई तक दक्षिण-पूर्व राजस्थान और मध्य प्रदेश की ओर बढ़ेगा, जिससे मुंबई के आसपास हलचल जरूर बढ़ेगी।
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13-14 जुलाई को कुछ राहत, लेकिन बाद में फिर सुस्ती
मुंबई में आज और कल हल्की, बिखरी और कम समय के लिए बारिश जारी रहेगी। 13 और 14 जुलाई को जब चक्रीय परिसंचरण मध्य प्रदेश और राजस्थान के ऊपर होगा, तब मुंबई में मध्यम दर्जे की बारिश हो सकती है। उम्मीद है कि थोड़े समय के लिए भारी बारिश भी हो सकती है। हालांकि, 15 जुलाई के बाद फिर से बारिश की गति धीमी हो जाएगी। मानसून की तेज वापसी की संभावना नहीं दिख रही, और यह कमजोर चरण जुलाई के चौथे सप्ताह तक खिंच सकता है।