मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है, जिसमें मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सबसे अधिक प्रभावित दिखाई दे रहे हैं। शीतलहर का असर पड़ोसी राज्यों तक भी फैल गया है। कई स्थानों पर तापमान बेहद नीचे पहुंच गया है, जिसमें कानपुर (UP) में 8.0°C, पुलबनी (ओडिशा) में 8.2°C, सीकर (राजस्थान) में 6.0°C और जलगांव (महाराष्ट्र) में 9.5°C दर्ज किया गया। लेकिन सबसे अधिक ठंड की मार मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर पड़ी है, जहां शीतलहर ‘गहरी और विस्तृत’ दोनों रूप में देखी जा रही है। यह स्थिति सप्ताहांत तक जारी रहेगी और बाद में धीरे-धीरे कम होने की संभावना है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में शीतलहर की तीव्रता
मध्य प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी दोनों हिस्सों में ठंड समान तीव्रता के साथ फैली है। कई जिलों में गंभीर शीतलहर दर्ज की गई है। प्रमुख स्थानों के तापमान इस प्रकार हैं: इंदौर 8.2°C (-7°), शिवपुरी 8°C (-6°), नौगाँव 8°C (-7°), जबलपुर 9.4°C (-6°), रीवा 8.8°C (-6°) और खंडवा 11°C (-5°)। वहीं, छत्तीसगढ़ में भी उत्तर से दक्षिण तक ठंड का व्यापक प्रभाव है। रायपुर 13°C (-4.5°), दुर्ग 10°C (-7°), अंबिकापुर 7°C (-6.4°), पेंड्रा 10°C (-4.2°) और राजनांदगांव 8.5°C (-9°) रिकॉर्ड किए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि ठंड का दायरा बहुत बड़ा है और दोनों राज्यों में लगातार बढ़ रहा है।
उत्तर भारत की बर्फीली हवा का प्रभाव
उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों से चलकर आ रही बर्फीली हवाएँ मैदानों पर तेजी से असर डाल रही हैं। ये हवाएँ विंध्याचल पर्वतमाला को पार करके मध्य प्रदेश के अंदरूनी इलाकों तक पहुँच रही हैं। विंध्य और सातपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं के बीच से होकर गुजरते समय ठंडी हवा और अधिक सघन हो जाती है, जिससे तापमान और नीचे गिर जाता है। यही ठंडी हवाएँ आगे बढ़कर छत्तीसगढ़ के पठारी हिस्सों में प्रवेश कर रही हैं, जो माइकल रेंज और छोटा नागपुर पठार से घिरा हुआ है। इस वजह से ठंड और भी ज्यादा महसूस की जा रही है।
अगले हफ्ते मौसम में बदलाव के संकेत
अगले सप्ताह मौसम में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। बंगाल की खाड़ी के मध्य और दक्षिणी क्षेत्रों में दो मौसम प्रणालियाँ सक्रिय हो सकती हैं। समुद्र से आने वाली गर्म और नमी वाली हवाएँ ओडिशा, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश, तेलंगाना और पूर्वी महाराष्ट्र तक फैलेंगी, जिससे तापमान में हल्की बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में शीतलहर की स्थिति धीरे-धीरे खत्म हो जाएगी। हालांकि, पश्चिमी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में ठंड का असर बना रह सकता है, लेकिन इसकी तीव्रता कम हो जाएगी।
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