घने कोहरे की चादर में लिपटा दिल्ली-एनसीआर, उड़ानें रद्द- सड़क और रेल यातायात ठप
मुख्य मौसम बिंदु
- IGI एयरपोर्ट पर दृश्यता 50 मीटर तक गिर गई
- 150 से अधिक उड़ानें प्रभावित, कई ट्रेनें लेट
- हवा की दिशा बदलने और नमी बढ़ने से कोहरा गहराया
- 16 दिसंबर से मौसम में धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद
15 दिसंबर की सुबह दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे के साथ स्मॉग की मोटी चादर दिखाई दी। कोहरे की वजह से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ और लोगों को आवाजाही में भारी परेशानी देखने को मिली।
IGI एयरपोर्ट पर दृश्यता बेहद कम, यातायात प्रभावित
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर सुबह 07:00 से 09:00 बजे के बीच दृश्यता घटकर केवल 50 मीटर रह गई। रनवे की दृश्यता भी लगभग 75 मीटर तक सिमट गई। इसके चलते कई उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और बड़ी संख्या में फ्लाइट्स में देरी हुई। रिपोर्ट्स के मुताबिक सुबह के समय 150 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित रहीं। खराब दृश्यता के कारण रेल सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कई ट्रेनें अपने निर्धारित समय से देरी से चलीं, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा। घने कोहरे के कारण सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों पर दृश्यता कई जगह लगभग शून्य के करीब पहुंच गई। इससे वाहन चालकों के लिए जोखिम बढ़ गया और पूरे क्षेत्र में यातायात की गति काफी धीमी हो गई।
हवा की दिशा बदली, कोहरे की मुख्य वजह
इतना घना कोहरा छाने की मुख्य वजह हवा की दिशा में बदलाव है। 13 दिसंबर की शाम से हवाएं उत्तर-पश्चिमी दिशा के बजाय पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी दिशा से चलने लगीं। साथ ही हवा की रफ्तार भी काफी कमजोर हो गई। पूर्वी हवाओं के आने से वातावरण में नमी बढ़ गई, जबकि तापमान पहले से ही कम बना हुआ था। कम हवा की गति, अधिक नमी और ठंडा मौसम ये तीनों स्थितियाँ मिलकर कोहरा बनने की सही स्थिति बनाती हैं।
तापमान इन्वर्जन ने बढ़ाई समस्या
एक और अहम कारण तापमान इन्वर्जन रहा। सामान्य परिस्थितियों में ऊंचाई बढ़ने के साथ तापमान घटता है, लेकिन इन्वर्जन की स्थिति में ऊपर जाने पर तापमान बढ़ने लगता है। इससे हवा का ऊर्ध्वाधर मिश्रण रुक जाता है और ठंडी व भारी हवा जमीन के पास ही फंस जाती है। इन्वर्जन की वजह से प्रदूषक तत्व भी नीचे ही फंसे रहे। इससे हवा की गुणवत्ता और ज्यादा खराब हो गई और कोहरा लंबे समय तक बना रहा।
कोहरे से बना स्मॉग
ठंडे तापमान और अधिक नमी के कारण कोहरा और घना हो गया। इस दौरान धूल, धुआं और हानिकारक गैसें कोहरे की सूक्ष्म जल बूंदों से चिपक गईं। इसी कारण स्मॉग का निर्माण हुआ, जिससे दृश्यता और वायु गुणवत्ता दोनों और खराब हो गईं। 16 दिसंबर से मौसम में धीरे-धीरे सुधार होने की संभावना है। हवा की दिशा फिर से उत्तर-पश्चिमी हो सकती है और ठंडी व शुष्क हवाएं तेज गति से चलेंगी। तेज और शुष्क हवाएं प्रदूषकों को फैलाने में मदद करेंगी और नमी का स्तर भी कम होगा। इससे दिल्ली-एनसीआर में धीरे-धीरे दृश्यता बेहतर होगी और कोहरे की तीव्रता में कमी आने की उम्मीद है।








