तेज हवाओं से प्रदूषण में मामूली राहत, लेकिन दिल्ली-NCR की हवा अभी भी ‘बहुत खराब’
मुख्य मौसम बिंदु
- हवा की गति बढ़ने से प्रदूषकों का फैलाव बेहतर हुआ है।
- AQI गंभीर से घटकर बहुत खराब श्रेणी में पहुंचा है।
- नमी कम होने से कोहरे और स्मॉग की तीव्रता घटी है।
- फिलहाल बारिश नहीं, लेकिन मध्यम हवाएं राहत देती रहेंगी।
15 दिसंबर को दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर (Severe) श्रेणी में पहुंच गई थी। हालांकि, मौसम में बदलाव के बाद इसमें हल्का लेकिन साफ तौर पर नजर आने वाला सुधार दर्ज किया गया है। हवा की दिशा और गति में बदलाव ने प्रदूषण स्तर को कुछ हद तक कम किया है। 13 और 14 दिसंबर के दौरान दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गति बेहद कम, बदलती हुई और कई बार लगभग शांत रही। इस दौरान हवाएँ मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा से चलीं, जिससे वातावरण में नमी का स्तर बढ़ गया।
कोहरे और स्मॉग के लिए अनुकूल हालात बने
कम हवा की रफ्तार, अधिक नमी और गिरते तापमान के कारण घने कोहरे के बनने के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ बन गईं। विभिन्न स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषक जमीन के पास फंस गए और कोहरे की परत में मौजूद जलवाष्प के साथ मिलकर स्मॉग में बदल गए। इससे वायु गुणवत्ता में तेज गिरावट दर्ज की गई। वहीं, 16 दिसंबर से हालात में सुधार शुरू हुआ, जब हवा की रफ्तार बढ़ी और हवा की दिशा पश्चिम और पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम हो गई। इस बदलाव से नमी के स्तर में कमी आई और प्रदूषकों के फैलाव में मदद मिली।
कोहरे की तीव्रता घटी, AQI में सुधार
हवा तेज होने के कारण कोहरे की घनता कम हुई और वायु गुणवत्ता में धीरे-धीरे सुधार देखने को मिला। 17 दिसंबर को दिल्ली का AQI घटकर 328 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ (Very Poor) श्रेणी में आता है। इससे एक दिन पहले AQI 498 था, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में था। गौरतलब है, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले दो से तीन दिनों तक हवा की रफ्तार मध्यम बनी रह सकती है। इससे वायु गुणवत्ता में और हल्का सुधार संभव है, हालांकि यह सुधार सीमित ही रहेगा।
AQI श्रेणियों को समझना जरूरी
AQI मानकों के अनुसार 0 से 50 के बीच वायु गुणवत्ता को अच्छा, 51 से 100 को संतोषजनक, 101 से 200 को मध्यम, 201 से 300 को खराब, 301 से 400 को बहुत खराब और 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी में रखा जाता है। हालिया सुधार के बावजूद, दिल्ली और एनसीआर में वायु गुणवत्ता अधिकतर बहुत खराब श्रेणी में बनी रह सकती है, जबकि कुछ इलाकों में यह कभी-कभी खराब श्रेणी के ऊपरी स्तर तक भी पहुंच सकती है।
प्रदूषण कम करने में मौसम की भूमिका
मौसम विज्ञान के नजरिए से वायु प्रदूषण को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए दो प्रमुख कारक अहम होते हैं, जिसमें पहला है अनुकूल दिशा से तेज और लगातार हवाएँ और दूसरा है भारी बारिश होना। बता दें, स्काईमेट के अनुसार अगले 8 से 10 दिनों तक दिल्ली-एनसीआर में किसी भी तरह की बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, मध्यम गति की हवाएं समय-समय पर प्रदूषण से राहत देती रहेंगी और फिलहाल प्रदूषण के स्तर को दोबारा गंभीर स्थिति में जाने से रोक सकती हैं।
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