सर्दी का असर घटा, नहीं चलेगी शीतलहर, प्रदूषण का प्रहार जारी-दिल्ली की हवा खतरनाक स्तर पर
मुख्य मौसम बिंदु
- दिल्ली में तापमान में हल्की बढ़त देखी गई, लेकिन ठंड बरकरार
- AQI 318 के साथ हवा “बहुत खराब” श्रेणी में।
- पश्चिमी विक्षोभ कमजोर, इसलिए “सूखी ठंड” हावी।
- बारिश न होने से कोहरा नहीं, प्रदूषण बढ़ता जा रहा है।
दिल्ली में सर्दियों के सीजन में चली पहली शीतलहर का असर अब कम होने लगा है। लेकिन शहर की हवा अभी भ जहरीली बनी हुई है। नवंबर से लेकर दिसंबर के पहले हफ्ते तक रात का तापमान लगातार सामान्य से कम चल रहा था। लेकिन अभी पिछले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर के तापमान में मामूली वृद्धि हुई है। इसके बावजूद भी दिल्ली में सोमवार की सुबह हवा अभी भी "बेहद खराब" श्रेणी में रही, शहर का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 318 रहा है। मौसम के कारण फिलहाल हवा में कोई बड़ा सुधार होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
नवंबर में ही शुरू हो गई थी ठंड
दिल्ली-एनसीआर में सर्दी ने नवंबर महीने में ही दस्तक दे दी थी। इस महीने की शुरुआत में ही औसत न्यूनतम तापमान 11.4°C रहा, जो सामान्य 13°C से काफी कम है। वहीं, दिसंबर के शुरुआती 5 दिनों में ठंड अधिक बढ़ गई। इस दौरान तापमान कई बार एक अंक में और सामान्य से 3°–4°C नीचे रिकॉर्ड किया गया। सीजन का सबसे कम तापमान 5.6°C दो दिनों तक लगातार रिकॉर्ड हुआ, यानी दिल्ली लगभग शीतलहर की कगार पर पहुंच गई थी।
शीतलहर से थोड़ा-सा पीछे रहे तापमान
इस दौरान कई बार तापमान शीतलहर की सीमा तक पहुंचने के करीब रहा, लेकिन हर बार थोड़े अंतर से मानक पूरा नहीं कर पाया। 8 दिसंबर तक आते-आते न्यूनतम तापमान में हल्की बढ़त हुई है, जिससे ठंड की तीव्रता कुछ कम हुई है। लेकिन यह बढ़त इतनी नहीं है कि इसे गर्माहट कहा जाए, सुबह और देर शाम अभी भी तेज़ उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण काफी सर्दी हैं।
पश्चिमी विक्षोभ की कमी और “ड्राई कोल्ड” का असर
उत्तर भारत का मौसम इन दिनों पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता पर निर्भर है। आमतौर पर, पहाड़ों पर भारी बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश जैसी गतिविधियाँ तापमान को फिर से रीसेट करती हैं और उसके बाद ठंड तेज़ हो जाती है। लेकिन इस बार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ न होने से दिल्ली में “ड्राई कोल्ड” यानी सूखी ठंड महसूस हो रही है। आसमान साफ, नमी कम और रात में तेजी से ठंड बढ़ना, लेकिन बारिश के बाद वाली तेज़ ठंड का असर नहीं।
कोहरे की जगह प्रदूषण की धुंध
इस बार सर्दियों वाला घना क्लासिक कोहरा भी गायब है। उसकी जगह प्रदूषण से बनी धुंध (हैज़) ने ले ली है और जहां दिसंबर में गहरा कोहरा होना चाहिए, वहां सिर्फ हल्की धुंध दिख रही है। घने कोहरे की परत पर प्रदूषण भारी पड़ रहा है।
AQI 318, ज्यादातर स्टेशनों में “बहुत खराब” श्रेणी
सोमवार सुबह दिल्ली की हवा बेहद खराब रही, औसत AQI 318 दर्ज हुआ। सीपीसीबी की SAMEER ऐप के अनुसार:
• 27 मॉनिटरिंग स्टेशन: “बहुत खराब” श्रेणी
• 11 स्टेशन: “खराब” श्रेणी
CPCB के मानदंडों के अनुसार 301–400 AQI “बहुत खराब” माना जाता है, जो लंबे समय तक संपर्क में रहने पर सांस संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और दिल-फेफड़ों के मरीजों में। तापमान थोड़ा बढ़ने के बाद भी प्रदूषण में कोई राहत नहीं मिली, जिससे साफ है कि मौसम अभी प्रदूषकों को फैलाने में मदद नहीं कर रहा।
आगे का पूर्वानुमान
दिल्ली-एनसीआर में मध्य दिसंबर तक बारिश की कोई संभावना नहीं है। इससे नमी कम रहेगी और घना कोहरा बनने की शर्तें पूरी नहीं होंगी। कम नमी और स्थिर हवा के कारण प्रदूषण आगे भी जमता रहेगा। हल्की तेज़ हवा ठंड बनाए रखेगी, लेकिन तापमान में बड़ा गिरावट फिलहाल नहीं दिख रही।
अगले हफ़्ते शीतलहर का कोई संकेत नहीं
आने वाले दिनों में दिल्ली-NCR का न्यूनतम तापमान सामान्य के आसपास या थोड़ा नीचे रहेगा, लेकिन न बहुत कम जाएगा और न किसी बड़ी बढ़त की उम्मीद है। कम से कम मध्य दिसंबर तक शीतलहर की स्पष्ट स्थिति दिख नहीं रही है। फिलहाल दिल्ली एक तरह की “हाइब्रिड सर्दी” में है, जिसमें ठंड पूरी जोर पर नहीं है, लेकिन हवा पहले से भी ज्यादा खराब है।
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