

पिछले दो दिनों में उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। गढ़वाल और कुमाऊं की पहाड़ियों पर तेज बारिश पड़ी है। तराई के इलाकों जैसे पंतनगर, रुद्रपुर, काशीपुर और राज्य की राजधानी देहरादून में भी पिछले 24 घंटों में भारी बारिश दर्ज हुई। आज मौसम में थोरा सुधार हो सकता है, लेकिन हफ्ते के बाकी दिनों में फिर से बारिश तेज हो जाएगी।
‘ब्रेक-मानसून’ और पश्चिमी विक्षोभ का असर
इस समय ‘ब्रेक-मानसून’ की स्थिति है, जिसमें मानसून की ट्रफ रेखा हिमालय की तराई के पास बनी हुई है। साथ ही एक पश्चिमी विक्षोभ ऊपरी वायुमंडल में पहाड़ों से गुजर रहा है। इन दोनों के संयुक्त असर से उत्तराखंड लगातार खराब मौसम का सामना कर रहा है और पहाड़ों पर जोरदार बारिश हो रही है। आने वाले दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे नुकसान की आशंका है।
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आज का मौसम और आने वाला खतरा
आज मौसम कुछ शांत दिख सकता है, लेकिन यह एक भ्रामक संकेत होगा। अगले दिनों में मौसम फिर बिगड़ेगा और आसमान से तेज बारिश होगी। उत्तराखंड पहले से ही धराली और हर्षिल में हुई तबाही से जूझ रहा है। 13 और 14 अगस्त को बारिश का असर खतरनाक हो सकता है, जिससे पुनर्वास कार्य(आपदा, दुर्घटना या विस्थापन के बाद प्रभावित लोगों, परिवारों या समुदायों को फिर से सुरक्षित और सामान्य जीवन में बसाने के लिए किए जाने वाले प्रयास) में रुकावट और नए खतरे पैदा हो सकते हैं।
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पहाड़ी इलाकों की चुनौतियाँ
पहाड़ी इलाकों में मौसम की सटीक भविष्यवाणी करना मुश्किल होता है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ खराब मौसम के असर को और बढ़ा देती हैं। लगातार बारिश से पहाड़ों की ढलानें नरम हो चुकी हैं, अगर थोड़ी भी बारिश और होती है तो पहाड़ों से बड़े भूस्खलन और मलबा बहाने का खतरा बढ़ जाएगा। वहीं, कैचमेंट क्षेत्रों(catchment areas) में बारिश ज्यादा होने पर नदियों और झीलों का जलस्तर लंबे समय तक अधिक रहता है, जिससे हालात और कठिन हो जाएंगे।
सावधानी और तैयारी
मौसम के बिगड़ते हालात को देखते हुए उत्तराखंड की तैयारी की समीक्षा जरूरी है। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सजग रहें, अधिक सतर्कता बरतें और सुरक्षित रहें।