अंडमान-निकोबार के ऊपर चक्रवाती तूफान 'सेनयार' बना, जल्द ही कमजोर पड़ने की संभावना
मुख्य मौसम बिंदु
- ‘Senyar’ तूफान अंडमान सागर और मलक्का जलडमरूमध्य के पास सक्रिय
- पर्यावरणीय कारकों और विंड शीयर से कमजोर होने की संभावना
- अगले 24 घंटे इंडोनेशिया क्षेत्र में भारी बारिश की चेतावनी
- भारत के पूर्वी तट के लिए खतरा पूरी तरह खत्म
अंडमान-निकोबार क्षेत्र के अत्यंत दक्षिणी हिस्सों में मौजूद एक गहरे अवदाब (Deep Depression) के प्रभाव में उस इलाके में एक चक्रवाती तूफान बन गया है। यह तूफान अभी मलक्का जलडमरूमध्य (Strait of Malacca), इंडोनेशिया से सटे क्षेत्र और पास के अंडमान सागर के ऊपर स्थित है। तूफान लगभग 4.5° उत्तरी अक्षांश और 98° पूर्वी देशांतर के आसपास केंद्रित है। यह नानकोरी द्वीप (Nancowry Island), दक्षिण अंडमान सागर से लगभग 600 किमी पूर्व-दक्षिणपूर्व में स्थित है।

तूफान का नाम और संभावित ट्रैक
इस चक्रवाती तूफान का नाम ‘Senyar’ सदस्य देश संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने दिया है। तूफान अगले कुछ समय तक इसी क्षेत्र में इधर-उधर घूमता रहेगा, यानी लगभग 1° अक्षांश और देशांतर के भीतर ही भटकेगा। इसके तेज होने की संभावना बहुत कम मानी जा रही है।
तूफान की उम्मीदें और अप्रत्याशित कमजोरी
इस क्षेत्र में तूफान बनने की संभावना पहले से जताई जा रही थी, लेकिन इसके इतनी तेजी से कमजोर पड़ने के संकेत नहीं थे। हालांकि समुद्री सतह का तापमान अब भी इसके बने रहने और मजबूत होने के लिए अनुकूल है, लेकिन कई अन्य मौसमीय कारक इसके कमजोर होने में भूमिका निभा रहे हैं।
कमजोरी के कारण — विंड शीयर, पर्यावरण और जमीन की नजदीकी
तूफान को पूर्वी दिशा से चल रही तेज हवाओं (Easterly Wind Shear) का सामना करना पड़ रहा है। मौसम संबंधी परिस्थितियाँ लगातार खराब होती जा रही हैं और जमीन के बहुत करीब होने से घर्षण बल बढ़ रहा है। इससे तूफान के निचले स्तर का चक्रवातीय परिसंचरण (Cyclonic Circulation) बिखर रहा है और इसकी स्पष्ट संरचना धुंधली होती जा रही है।
कम अक्षांश यानी कम कोरिओलिस बल
तूफान बहुत कम अक्षांश यानी भूमध्यरेखा के करीब बना है। इस क्षेत्र में कोरिओलिस बल काफी कमजोर होता है, जो चक्रवात के विकास के लिए बेहद जरूरी है। यदि तूफान और नीचे (दक्षिण की ओर) खिसकता है, तो यह और अधिक कमजोर पड़ जाएगा।
इंडोनेशिया के पास ही खत्म होने की संभावना
आने वाले समय में यह तूफान इंडोनेशिया के उत्तरी हिस्सों में मलक्का जलडमरूमध्य के पास थोड़ा-बहुत टेढ़ा-मेढ़ा रास्ता तय करेगा और वहीं धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा। अगले 24 घंटों तक इस क्षेत्र में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
अल्पायु तूफान और भविष्य की निगरानी
यह तूफान उत्तरी हिंद महासागर में बनने वाले सबसे कम समय तक बने रहने वाले तूफानों में शामिल हो सकता है। इसके अवशेष अगले 24–36 घंटे तक उसी क्षेत्र में मंडराते रहेंगे। हालांकि इसके दोबारा मजबूत होने की संभावना बेहद कम है, लेकिन फिर भी लगातार निगरानी जरूरी है।
पूर्वी तट के लिए खतरा नहीं
पहले जिस तरह भारत के पूर्वी तट के लिए खतरे की संभावना जताई जा रही थी, अब वह पूरी तरह खत्म मानी जा रही है। भारत का पूर्वी तट (East Coast) वह समुद्री तटीय क्षेत्र है जो बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) के किनारे स्थित है। इसमें मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पुडुचेरी (कुछ हिस्से) शामिल हैं, यानी दीघा से लेकर चेन्नई और कन्याकुमारी तक फैला पूरा समुद्री किनारा भारत का पूर्वी तट कहलाता है।
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