Delhi AQI: मानसून ने सुधारी दिल्ली की हवा, फिर भी नहीं मिली ‘गुड AQI’ रेटिंग – जानें वजह
Sep 4, 2025, 5:00 PM | Skymet Weather Team
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बारिश से दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार

नई दिल्ली: इस साल मानसून की बारिश ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह प्रकृति का सबसे बड़ा एयर प्यूरीफायर है। जुलाई से लगातार हो रही बारिश की वजह से दिल्ली-एनसीआर ने कई सालों में सबसे साफ हवा देखी है। हालांकि, प्रदूषण के स्थायी स्रोतों के कारण यह राहत ज्यादा लंबी नहीं टिक पाई।

दस साल का सबसे साफ जुलाई

सीपीसीबी (CPCB) के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2025 का औसत AQI 79 रहा, जो पिछले दस सालों का सबसे साफ जुलाई है। बारिश ने बारीक प्रदूषक कणों (PM2.5) को धो डाला और हवा को “Moderate” से “Satisfactory” कैटेगरी तक पहुंचा दिया। एक बारिश वाले दिन AQI 120 से गिरकर 98 हो गया और तापमान 35.4°C से घटकर 30.2°C पर आ गया।

बारिश और मानसून का असर

इस साल दिल्ली का मौसमी वर्षा आंकड़ा 1,000 मिमी से ऊपर चला गया, जबकि औसत सिर्फ 774 मिमी होता है। इस ज्यादा बारिश ने प्रदूषण को काफी हद तक कम किया। बावजूद इसके, पूरे 2025 में दिल्ली को एक भी “Good” (0–50 AQI) दिन नहीं मिला। सबसे अच्छा AQI 51 (Satisfactory) रहा, 15 जुलाई को।

पीएम2.5 vs पीएम10: प्रदूषण की जंग

वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया:

• PM2.5 (फेफड़ों के लिए खतरनाक बारीक कण) मानसून के दौरान ज्यादातर दिनों ‘Good’ लेवल तक गिर गए।

• PM10 (धूल और बड़े कण) आधे से ज्यादा दिनों तक खतरे के स्तर से ऊपर बने रहे, जिसकी वजह है निर्माण कार्य, सड़क की धूल और लोकल उत्सर्जन है।

क्यों राहत है सिर्फ अस्थायी

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की हवा बिगाड़ने वाले मुख्य स्रोत जैसे गाड़ियां, फैक्ट्रियां और कंस्ट्रक्शन डस्ट लगातार सक्रिय रहते हैं। ऐसे में सिर्फ बारिश से मिली राहत थोड़े समय के लिए ही रहती है।

आगे का हाल

सितंबर के अंत तक मानसून के लौटने के साथ ही दिल्ली की वायु गुणवत्ता (AQI) दोबारा बढ़ सकता है। सर्दियां आते-आते पराली जलाने और धीमी हवाओं के चलते दिल्ली की हवा खराब (Poor) और बहुत खराब (Very Poor) कैटेगरी में लौटने की आशंका है।