

उत्तर गुजरात और साउथ राजस्थान पर बना डिप्रेशन (दबाव) पश्चिम-दक्षिणपश्चिम की ओर बढ़ते हुए डीप डिप्रेशन (गहरा दबाव) में बदल गया है। यह सिस्टम अब पाकिस्तान की सीमा पार कर चुका है और फिलहाल चोर और बादिन (पाकिस्तान के शहर) के पास केंद्रित है। अगले 24 घंटे में यह और पश्चिम की ओर बढ़कर हैदराबाद (सिंध, पाकिस्तान) के नजदीक पहुँच जाएगा। इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होकर लो प्रेशर एरिया (निम्न दबाव क्षेत्र) बन जाएगा और बलूचिस्तान के मकरान तट तक पहुँचकर खत्म हो जाएगा।
गुजरात और सौराष्ट्र-कच्छ में बारिश
इस डिप्रेशन ने पहले उत्तर गुजरात, सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश दी। जिसमें डीसा, अहमदाबाद, गाँधीनगर, कांडला, मोरबी, राजकोट, जामनगर, भुज, नलिया और मांडवी प्रभावित जगह रही हैं। अब भारी बारिश का असर मुख्य रूप से कच्छ और सौराष्ट्र के बॉर्डर इलाकों में रहेगा। भुज, नलिया, अंजार, मांडवी, कांडला, लाखपत और रन ऑफ कच्छ ये सभी इलाके भारी बारिश से प्रभावित हो सकते हैं। इसके अलावा कांडला से ओखा तक का समुद्री तट (जामनगर, मोरबी, खंभालिया के पास) पर भी मध्यम से भारी बारिश और तेज हवाएँ चलेंगी।
अरब सागर का असर
अरब सागर से लगातार नमी मिल रही है, जिसकी वजह से यह सिस्टम सामान्य से ज्यादा समय तक सक्रिय बना हुआ है। संभावना है कि आज देर रात तक यह कमजोर होकर फिर से डिप्रेशन बन जाएगा और अगले 24 घंटे में और कमजोर होकर लो प्रेशर एरिया में बदल जाएगा। करीब 48 घंटे बाद यह सिस्टम दक्षिण बलूचिस्तान के सूखे इलाके में पहुँचकर पूरी तरह बिखर जाएगा और असर खत्म हो जाएगा।
अगले दो दिन का मौसम
भले ही सिस्टम कमजोर हो जाएगा, लेकिन इसका शेष प्रभाव (remnant effect) कल 9 सितंबर तक कच्छ और पाकिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें देगा। इसके बाद मौसम में सुधार होगा और गुजरात में केवल हल्की बारिश रह जाएगी। हालांकि, पूरे गुजरात के समुद्र तटीय इलाकों और खाड़ी कच्छ में इस हफ्ते के मध्य तक बहुत तेज निचली सतही हवाओं (low level winds) से सावधान रहना होगा।