

पिछले एक सप्ताह के दौरान देश के कई हिस्सों में मानसून ने जमकर तबाही मचाई। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों, मैदानी इलाकों और गुजरात में भारी बारिश ने स्थिति बिगाड़ी। मध्य भारत से होकर गुज़रे लो-प्रेशर एरिया ने दक्षिण राजस्थान और उत्तर गुजरात में गहरे डिप्रेशन का रूप लेकर जोरदार बरसात दी। नॉर्थवेस्ट इंडिया, महाराष्ट्र, तेलंगाना और कर्नाटक में भी बारिश सामान्य से काफी अधिक दर्ज की गई। हालांकि, अब 8 से 15 सितंबर के बीच मानसून की रफ्तार थमने के आसार हैं।
पाकिस्तान में कमजोर होगा डिप्रेशन, गुजरात में असर घटेगा
फिलहाल पाकिस्तान में मौजूद गहरा डिप्रेशन धीरे-धीरे कमजोर हो जाएगा। इसका बचा-खुचा असर गुजरात में सिर्फ अगले 24 घंटे तक रहेगा। उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों में भी कोई नया सक्रिय वेस्टर्न डिस्टर्बेंस नहीं बन रहा। ऐसे में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, गुजरात, उत्तर मध्य प्रदेश और पश्चिमी यूपी में मौसम लगभग शुष्क बना रहेगा। वहीं, पश्चिमी तट (साउथ गुजरात से लेकर केरल, कोंकण-गोवा और तटीय कर्नाटक) पर भी बारिश गतिविधि बेहद कम रहेगी।
बंगाल की खाड़ी का चक्रवाती सिस्टम रहेगा सक्रिय
मानसून की बरसात को फिलहाल बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) ही बनाए रखेगा। यह सिस्टम अगले 4–5 दिन तक वहीं घूमता रहेगा और 12–13 सितंबर को कमजोर रूप में अंदरूनी हिस्सों की ओर बढ़ेगा। लेकिन इसका असर केवल तटीय और मध्य भारत तक सीमित रहेगा। चूंकि मानसून की विदाई का समय नज़दीक है, इसलिए ऐसे सिस्टम अब राजस्थान, हरियाणा और पंजाब तक पहुंचने में कमजोर पड़ जाते हैं।
अगले हफ्ते कहां होगी बारिश और कहां रहेगा सूखा
अगले एक सप्ताह तक राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तर मध्य प्रदेश और पश्चिमी तट पर बारिश बहुत कम होगी। वहीं, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, पूर्वी मध्य प्रदेश और तेलंगाना में मध्यम स्तर की व्यापक बारिश होगी। पूर्वोत्तर भारत में भी बारिश दोबारा सक्रिय होगी। इसके अलावा, कमजोर मानसून की स्थिति में दक्षिण भारत के हिस्सों में भी बारिश बढ़ती है। इस दौरान तटीय तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश और दक्षिणी प्रायद्वीपीय इलाकों में मध्यम बारिश के आसार हैं। पिछले 10 दिनों की मूसलाधार बरसात के मुकाबले अब अगले सप्ताह पैन-इंडिया स्तर पर औसत दैनिक वर्षा काफी कम रहने का अनुमान है।
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