

दक्षिण-पश्चिम मानसून ने उत्तर और मध्य भारत के कई हिस्सों में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। कम दबाव के क्षेत्रों और चक्रवाती हवाओं के कारण कई राज्यों में मूसलधार बारिश और तेज़ हवाएं देखने को मिल रही हैं। अगले 24 घंटों तक मौसम अस्थिर रहने की संभावना है, ऐसे में प्रशासन और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
उत्तर प्रदेश: पश्चिमी जिलों में भारी बारिश का प्रकोप
आगरा, अलीगढ़, बदायूं, बरेली, बिजनौर, गौतम बुद्ध नगर (ग्रेटर नोएडा), गाज़ियाबाद, मुज़फ्फरनगर, मेरठ और सहारनपुर सहित कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश और 30–40 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है। विशेष रूप से सहारनपुर में बादलों से ढका मौसम बना रहेगा और अगले 24 घंटों तक तेज बारिश और गरज-चमक जारी रह सकती है।
उत्तराखंड: पहाड़ों से मैदानी इलाकों तक लगातार बारिश
देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, चमोली, रुद्रप्रयाग और ऊधम सिंह नगर में अगले 8–12 घंटों के दौरान मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में दृश्यता कम होने और सड़कों के फिसलन भरे होने की संभावना है, जिससे यातायात और यात्रा प्रभावित हो सकती है।
छत्तीसगढ़: अल्पकालिक बारिश का अलर्ट
रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा और महासमुंद जैसे जिलों में अगले 3–4 घंटों तक हल्की से मध्यम बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना है। मौजूदा मौसम प्रणाली धीरे-धीरे पूर्व की ओर बढ़ सकती है, जिससे आसपास के इलाकों में भी बारिश की गतिविधि फैल सकती है।
हिमाचल प्रदेश: मध्य पहाड़ियों और घाटियों में बारिश की संभावना
शिमला, कुल्लू, मंडी, चंबा और कांगड़ा में अगले 4–6 घंटों तक व्यापक मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
लाहौल-स्पीति और किन्नौर जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में मौसम अचानक बदल सकता है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
पश्चिम बंगाल: दक्षिणी जिलों में बिखरी हुई बारिश
कोलकाता, हावड़ा, हुगली और उत्तर 24 परगना के क्षेत्रों में अगले 4–6 घंटों तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं। कोलकाता में आने-जाने वाले लोगों को ट्रैफिक जाम से बचने के लिए मौसम के अनुसार यात्रा की योजना बनाने की सलाह दी जाती है।
जनता के लिए सलाह:
• स्थानीय मौसम अपडेट पर नजर बनाए रखें।
• जलभराव वाले क्षेत्रों से बचें और तेज़ हवाओं के दौरान बाहर की ढीली वस्तुओं को सुरक्षित करें।
• किसानों को सलाह दी जाती है कि वे सिंचाई और खाद डालने का कार्य भारी बारिश के बाद करें।
• यात्रियों और पर्यटकों को पर्वतीय इलाकों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।