1950 के बाद दुर्लभ नजारा: अटलांटिक में हरीकेन कहाँ गायब हो गए? सीजन के पीक पर भी सन्नाटा
Sep 12, 2025, 7:19 PM | Skymet Weather Team
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आँकड़ों के आधार पर 10 सितम्बर अटलांटिक हरीकेन सीजन का सबसे सक्रिय दिन माना जाता है। औसतन इस समय तक 8 नामित तूफान (Named Storms) बनते हैं, जिनमें से 3 हरीकेन और 1 बड़ा (Major) हरीकेन होता है। लेकिन 2025 में अब तक सिर्फ 6 नामित तूफान बने हैं, जिनमें से एक बड़ा हरीकेन "एरिन" (Erin) अगस्त के मध्य में बना। अगस्त के अंत से लेकर सितम्बर के मध्य तक किसी नए तूफ़ान का न बनना 1950 के बाद यह दूसरी बार हो रहा है।

लगातार दूसरे साल असामान्य शांति

पिछले साल (2024) भी 21 अगस्त से 9 सितम्बर तक कोई गतिविधि नहीं हुई थी। यह लगभग 50 सालों में सबसे लंबा "सुकून का दौर" (Lull यानी शांति/ठहराव) था। हालांकि 2024 का पूरा सीजन काफी सक्रिय रहा, जिसमें 18 नामित तूफान, 11 हरीकेन और 5 बड़े हरीकेन बने।

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क्यों खास है 10 सितम्बर?

अटलांटिक हरीकेन सीजन हर साल जून में शुरू होता है और छह महीने चलता है। लेकिन इसका चरम (Climax यानी सबसे ऊँचा दौर) मध्य-अगस्त से अक्टूबर के पहले हिस्से तक रहता है। आँकड़ों के मुताबिक 10 सितम्बर के आसपास अटलांटिक बेसिन में तूफान बनने की संभावना 75% से अधिक रहती है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं हुआ और अटलांटिक महासागर 10 सितम्बर को बिल्कुल शांत रहा। ऐसा 2016 के बाद पहली बार हुआ है।

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समुद्र का तापमान और हरीकेन एरिन

इस समय अटलांटिक महासागर का पानी सामान्य से ज्यादा गर्म है। हालाँकि यह 2023 और 2024 के रिकॉर्ड स्तर जितना गर्म नहीं है, लेकिन इतना गर्म जरूर है कि तूफानों को ताकत दे सके। इसी गर्म पानी की वजह से "एरिन" तूफान तेजी से विकसित होकर अगस्त में कैटेगरी 5 हरीकेन (सबसे शक्तिशाली स्तर) बन गया।

शांत मौसम के तीन बड़े कारण (CSU रिपोर्ट)

कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी (CSU) की एक रिपोर्ट ने इस साल के शांत मौसम के 3 मुख्य कारण बताए:

1. सूखा और स्थिर वातावरण – यानी हवा में नमी और अस्थिरता (instability) कम है। बिना नमी और अस्थिरता के तेज़ तूफ़ान नहीं बन पाते।

2. विंड शीयर (Wind Shear) – इसका मतलब है अलग-अलग ऊँचाई पर हवा की गति और दिशा में अंतर। अगर यह बहुत ज़्यादा हो तो बनने वाले तूफ़ान को शुरू होने से पहले ही दबा देती है, या बने हुए तूफ़ान को तोड़ सकती है।

3. पश्चिम अफ्रीका से कम गतिविधि – आमतौर पर पश्चिम अफ्रीका से उठने वाले बादल और गरज-चमक वाले तूफ़ान अटलांटिक में पहुँचकर हरीकेन का रूप लेते हैं। लेकिन इस साल ऐसी गतिविधि कम रही।

आगे क्या?

हरीकेन सीजन का लगभग 50% हिस्सा 10 सितम्बर के बाद ही आता है। इसका मतलब है कि अभी सीजन लंबा बाकी है। अटलांटिक महासागर के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क और तैयार रहना जरूरी है।