

राजस्थान में अगले तीन दिनों (14 से 16 जुलाई 2025) के दौरान भारी से अति भारी बारिश की संभावना है। खासकर पूर्वी राजस्थान के मध्य भाग और पश्चिमी राजस्थान से लगे सीमावर्ती जिलों में मानसून की तीव्र गतिविधियां देखने को मिलेंगी। इस दौरान कई क्षेत्रों में जलभराव, बाढ़ जैसे हालात और तूफानी हवाओं चल सकती हैं। जिससे सामान्य जनजीवन, यातायात और संपर्क व्यवस्था प्रभावित हो सकती है।
मौसम प्रणाली की स्थिति और असर
मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव क्षेत्र अब पूर्वी राजस्थान के मध्य हिस्सों और उससे लगे सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर बढ़ गया है। यह प्रणाली एक स्पष्ट चक्रवाती परिसंचरण (cyclonic circulation) से भी समर्थित है। साथ ही, मानसून ट्रफ भी इस निम्न दबाव क्षेत्र से होकर गुजर रही है। उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) इस प्रणाली को और मजबूत बना रहा है। इन सभी के संयुक्त प्रभाव से राजस्थान के अधिकांश हिस्सों में अगले तीन दिनों तक तीव्र मौसम गतिविधियां देखने को मिलेंगी।
किन जिलों पर सबसे ज्यादा असर होगा
इस मौसम प्रणाली का सर्वाधिक असर जिन जिलों पर पड़ेगा, उनमें अजमेर, कोटा, बूंदी, टोंक, बारां, झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, राजसमंद, सिरोही, जालौर, भीलवाड़ा, बीकानेर, पाली और जोधपुर शामिल हैं। इसके साथ ही पूर्वोत्तर राजस्थान के जिलों जैसे जयपुर, अलवर, दौसा, सीकर, धौलपुर, सवाई माधोपुर में भी मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।
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मौसम प्रणाली की दिशा और समाप्ति
16 जुलाई तक यह मौसम प्रणाली पश्चिम-उत्तरपश्चिम दिशा में राजस्थान के दूर पश्चिमी भागों और सीमा क्षेत्र की ओर बढ़ेगी। इसके बाद यह धीरे-धीरे कमजोर होने लगेगी और 17 से 18 जुलाई के बीच यह प्रणाली खत्म हो सकती है। पूरे राज्य में मौसम की स्थिति 18 जुलाई 2025 के बाद सामान्य होने की उम्मीद है।