

उत्तर गुजरात और दक्षिण राजस्थान पर बना गहरा डिप्रेशन कल 09 सितंबर को पश्चिम की ओर बढ़ते हुए सिंध (पाकिस्तान) पहुंच गया। यह सिस्टम पहले हैदराबाद (पाकिस्तान) के उत्तर-पूर्व में केंद्रित था। आगे बढ़ते हुए यह दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान, मकरान तट के पास कमजोर होकर लो-प्रेशर एरिया में बदल गया है। आने वाले दिनों में यह और कमजोर होकर बलूचिस्तान के शुष्क क्षेत्रों में खत्म हो सकता है।
गुजरात-राजस्थान में भारी बारिश
पिछले सप्ताहांत इस सिस्टम ने गुजरात और राजस्थान में जमकर बारिश कराई। कच्छ क्षेत्र में कल भी भारी बारिश हुई थी। भुज में 77 मिमी और नलिया में 50 मिमी वर्षा दर्ज हुई। वहीं, कांडला बंदरगाह ने पिछले चार दिनों में 235 मिमी बारिश दर्ज की, जो सितंबर के सामान्य मासिक औसत से अधिक है। भुज जैसे सूखे इलाके ने पिछले 48 घंटों में ही 163 मिमी बारिश झेली। इससे पहले शनिवार और रविवार को गाँधीनगर और अहमदाबाद भी भारी बारिश से तरबतर हुए।
अब सुधरेंगे हालात, अगले हफ्ते फिर बरसात
सिस्टम के कमजोर होने और गुजरात के समुद्री किनारों से दूर जाने के बाद मौसम की स्थिति में आज से ही सुधार होगा। आज कच्छ और सौराष्ट्र के पश्चिमी हिस्सों में बादल छाए रहेंगे, तेज हवाएं चलेंगी और हल्की-फुल्की बौछारें पड़ सकती हैं। अगले 48 घंटों में बारिश की तीव्रता और दायरा और कम हो जाएगा। हालांकि, गुजरात में मानसून की बरसात अभी खत्म नहीं हुई है और अगले हफ्ते की शुरुआत में एक बार फिर बरसात हो सकती है।
यह भी पढ़ें: Mumbai Rains: वीकेंड तक मुंबई में हल्की बारिश की संभावना, लेकिन इस दिन से बढ़ सकती है बरसात