उत्तरी मैदानी इलाकों में शीत लहर की स्थिति, बारिश गायब शुष्क मौसम जारी
मुख्य मौसम बिंदु
- पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में लगातार तीसरे दिन शीतलहर
- कई जगहों पर तापमान 4°C से नीचे
- पश्चिमी विक्षोभ से हवाएँ तेज़, ठंड में बढ़ोतरी
- अगले 48 घंटों में कोहरा और पाला की संभावना
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और आसपास के इलाकों में लगातार तीसरे दिन शीतलहर बनी रही। कई जगहों पर न्यूनतम तापमान 4°C या इससे कम दर्ज किया गया है। कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से 4°–5°C नीचे रहा, जिसके कारण शीतलहर की स्थिति बनी। इन हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने से हल्के बादल देखने को मिले। 5 और 6 दिसंबर के बीच एक और सिस्टम आने से मध्यम और ऊँचे बादल छा सकते हैं। इस क्षेत्र में खासकर रात के समय निचले स्तर की हवाएँ तेज हो रही हैं। इन दोनों के संयुक्त प्रभाव से कुछ क्षेत्रों में शीतलहर जारी रहेगी और न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट संभव है। रात में होने वाली रेडिएशनल कूलिंग की वजह से अमृतसर, जालंधर, होशियारपुर, तरनतारण, लुधियाना, अंबाला, सिरसा और यमुनानगर में हल्का से मध्यम कोहरा बन सकता है।
गौरतलब है, रात के समय जब आसमान साफ़ होता है, तो धरती दिन में मिली गर्मी को जल्दी-जल्दी अंतरिक्ष में छोड़ देती है। इस वजह से जमीन और उसके आसपास की हवा तेज़ी से ठंडी होने लगती है। इसी प्रक्रिया को रेडिएशनल कूलिंग कहा जाता है। यही कारण है कि साफ़ रातों में तापमान ज्यादा गिरता है और ठंड बढ़ जाती है।
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दो हफ्ते से तेज ठंड
उत्तर भारत के मैदानी हिस्सों में पिछले लगभग दो हफ्तों से कड़ाके की ठंड बनी हुई है। कई जगहों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से नीचे चल रहा है और कुछ स्थानों पर शीतलहर का स्तर पार कर रहा है। जिन जगहों पर तापमान 4°C या उससे कम दर्ज हुआ, उनमें भटिंडा (3.8°C), हिसार (4°C) और सीकर (3.8°C) शामिल हैं। ये सभी स्थान शीतलहर के मानकों को पूरा करते हैं। अन्य जगहों जैसे लुधियाना, चंडीगढ़, करनाल, चूरू, अलवर और पिलानी में सुबह का तापमान 5°–6°C के बीच रहा है।
पश्चिमी विक्षोभ से बदल रहा वायुमंडलीय पैटर्न, ठंड बढ़ने के आसार
पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने से पश्चिम और मध्य राजस्थान में बना सीज़नल एंटीसाइक्लोन दक्षिण की ओर खिसक गया है। इसके अलावा, उत्तरी मैदान के ऊपर रात के समय नॉक्टर्नल जेट(रात्रिकालीन जेट) तेज हो रहा है। अगले 48 घंटों में ठंड का असर और बढ़ सकता है। पूरे उत्तरी मैदानी क्षेत्र में मौसम शुष्क रहने की उम्मीद है। तापमान में तेज गिरावट से इनवर्ज़न लेयर बन सकती है, जो आगे चलकर कुछ क्षेत्रों में पाले (Frost) की स्थिति बना सकती है।
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