लगातार बने चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) के प्रभाव से पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी में, म्यांमार के तट के पास एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बन गया है। यह चक्रवाती प्रणाली ऊपरी स्तरों तक फैली हुई है और अगले 24 घंटों में और अधिक सक्रिय होकर स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र (Well Marked Low Pressure Area) में तब्दील हो सकती है। यह प्रणाली उत्तर-पश्चिम दिशा में म्यांमार-बांग्लादेश तट के समानांतर आगे बढ़ेगी और पश्चिम बंगाल व ओडिशा के तटीय इलाकों से सुरक्षित दूरी बनाए रखेगी।
तूफान कलमागी
तीन दिनों तक समुद्र में सक्रिय रहेगा सिस्टम
यह चक्रवाती परिसंचरण समुद्र के ऊपर ही बना रहेगा और अगले तीन दिनों तक इसी क्षेत्र में सक्रिय रहने की संभावना है। इसका मुख्य असर म्यांमार और बांग्लादेश में देखने को मिलेगा। हालांकि, इसका आंशिक प्रभाव भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा पर भी पड़ेगा, जहां अगले 2-3 दिनों तक बिखरी हुई बारिश और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है।
एक और तूफान से जुड़ने के आसार
यह चक्रवाती प्रणाली अब बंगाल की खाड़ी के मध्य और पूर्व-मध्य हिस्सों की ओर दक्षिण दिशा में खिसकती दिखाई दे रही है। इस बीच, एक और मौसम प्रणाली दक्षिण चीन सागर (South China Sea) से वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और थाईलैंड की ओर बढ़ रही है। दरअसल, टाइफून ‘कल्मेगी’ (Typhoon Kalmaegi) इस समय फिलीपींस के मध्य हिस्सों को प्रभावित कर रहा है और यह पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह तूफान कैटेगरी-3 (Category-3) का रूप लेकर करीब 200 किमी/घंटा की रफ्तार से वियतनाम के तट से 6 नवंबर की रात टकरा सकता है।
वियतनाम पहुंचने के बाद यह तूफान कमजोर होकर स्थलीय क्षेत्रों से गुजरते हुए 8 नवंबर को बंगाल की खाड़ी में प्रवेश कर सकता है। यहां यह मौजूदा चक्रवाती परिसंचरण के साथ मिल सकता है। हालांकि, फिलहाल, इस प्रणाली की आगे की दिशा का सटीक पूर्वानुमान अगले 2-3 दिनों बाद ही स्पष्ट होगा।
पूर्वी राज्यों में नहीं पड़ेगा असर, दक्षिण में होगी सक्रियता
फिलहाल की स्थिति के अनुसार, इस संयुक्त प्रणाली का असर भारत के पूर्वी राज्यों जैसे ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड पर नहीं पड़ेगा। हालांकि, पूर्वोत्तर मानसून (Northeast Monsoon) के हिस्से के रूप में, दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल और कर्नाटक में नवंबर के दूसरे सप्ताह में मौसमी बारिश का नया दौर शुरू होने की संभावना है।
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