बेंगलुरु के लिए सितंबर सबसे अधिक वर्षा वाला महीना माना जाता है, जिसमें औसतन 208 मिमी बारिश होती है। उत्तर-पूर्व मानसून के दौरान अक्टूबर दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना होता है, जिसमें औसतन 186 मिमी वर्षा दर्ज की जाती है। हालांकि, तमिलनाडु के विपरीत, जहां नवंबर सबसे ज्यादा बारिश वाला महीना होता है, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक (South Interior Karnataka) में इस महीने वर्षा में गिरावट आती है। राजधानी बेंगलुरु में भी यही पैटर्न देखने को मिलता है, जहां नवंबर में औसत बारिश घटकर सिर्फ 64.5 मिमी रह जाती है। इस महीने शहर में वर्षा की असमानता (Rainfall Variability) काफी अधिक होती है, कभी केवल एक अंकीय वर्षा, तो कभी 300 मिमी से अधिक बारिश भी दर्ज की गई है।

सैटेलाइट इमेज, Himawari
एक हफ्ते से सूखा, अब चार दिनों तक बरसात के आसार
शहर में पिछले एक हफ्ते से बारिश पूरी तरह थमी हुई है, लेकिन अब 5 से 8 नवंबर 2025 के बीच फिर से बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। ये बारिशें भारी नहीं होंगी, बल्कि हल्की से मध्यम तीव्रता की बौछारों के रूप में देखने को मिलेंगी। हालांकि, यह बरसात शहर के सभी हिस्सों में समान रूप से नहीं होगी। कुछ क्षेत्रों में छिटपुट और अल्पकालिक बारिश देखने को मिल सकती है। मौसम की यह गतिविधि मुख्य रूप से दोपहर बाद और शाम के समय होगी।
तटीय आंध्र प्रदेश के पास बना चक्रवाती परिसंचरण
आंध्र प्रदेश तट के पास निचले स्तर पर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सक्रिय है। साथ ही, केरल से तटीय कर्नाटक-गोवा तक एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ (North-South Trough) बनने की संभावना है। इन दोनों मौसम प्रणालियों का संयुक्त प्रभाव बेंगलुरु और आसपास के क्षेत्रों में नवंबर की पहली बारिश के रूप में देखने को मिलेगा। आज आसमान आंशिक रूप से बादलों से घिरा रहेगा, और बारिश की संभावना बहुत कम है। कल और परसों, यानी 6 और 7 नवंबर को शहर और आसपास के इलाकों में मध्यम बारिश के दौर देखने को मिलेंगे। 7 और 8 नवंबर को बारिश की तीव्रता और विस्तार दोनों में कमी आने की संभावना है। इसके बाद 9 नवंबर को सिर्फ बहुत हल्की और अस्थायी बारिश हो सकती है। अगले सप्ताह की शुरुआत से मौसम साफ होने की उम्मीद है और बेंगलुरु में फिर से सामान्य ठंडा और सुहावना मौसम लौट आएगा।
यह भी पढ़ें; बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत में बारिश के आसार, मणिपुर-मिजोरम में बढ़ेगी हलचल
यह भी पढ़ें; पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ पहुंचा, जम्मू-कश्मीर से उत्तराखंड तक बदलेगा मौसम,बारिश-बर्फबारी की संभावना
Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है।






