पहले से जताए गए अनुमान के अनुसार 21 नवंबर की देर रात या 22 नवंबर 2025 की सुबह तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी (BoB) और दक्षिण अंडमान सागर के पास एक लो प्रेशर एरिया बनने की संभावना है। बनने के बाद यह सिस्टम लगातार ताकत जुटाएगा, पहले डिप्रेशन बनेगा और फिर तेजी से चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा, खासकर दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर। इस तूफान के पूर्वी तट की ओर बढ़ने के आसार हैं, जिससे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 27 से 29 नवंबर 2025 के बीच संभावित लैंडफॉल को लेकर चिंता बढ़ सकती है। तूफान से जुड़ी सटीक जानकारी तभी मिलेगी जब यह सिस्टम 24 नवंबर 2025 के आसपास डिप्रेशन या डीप डिप्रेशन के स्तर पर पहुंच जाएगा।

बंगाल की खाड़ी में सक्रियता बढ़ी
पोस्ट-मानसून सीज़न का दूसरा तूफान
यह इस सीज़न (पोस्ट मानसून) में बंगाल की खाड़ी का दूसरा चक्रवात होगा। इससे पहले गंभीर चक्रवाती तूफान‘मोंथा’ अक्टूबर 2025 के आखिरी हफ्ते में आंध्र प्रदेश से टकराया था। वर्तमान समुद्री परिस्थितियाँ जैसे ताप क्षमता और विंड शियर तूफान के मजबूत होने के लिए अनुकूल दिख रही हैं।
अंडमान सागर और बंगाल की खाड़ी के उत्तर भाग में बनने वाले मौसम तंत्र आमतौर पर इस समय ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर बढ़ते हैं। लेकिन यह सिस्टम भूमध्य रेखा (इक्वेटोरियल रीजन) के बहुत करीब बन रहा है, इसलिए इसके तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश की ओर मुड़ने की संभावना ज्यादा है।

तूफान का नाम ‘Senyar’ होगा
जब यह तूफान बनेगा तो इसका नाम ‘Senyar’ (उच्चारण: सेन-यार) रखा जाएगा, जिसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने प्रस्तावित किया है। इस सिस्टम की समुद्र पर यात्रा लंबी होगी, इसलिए इसके ज्यादा शक्तिशाली होने और फैलने की संभावना भी अधिक रहेगी। निम्न दबाव बनने के बाद यह सिस्टम 23/24 नवंबर तक दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक मजबूत डिप्रेशन बन जाएगा और 25/26 नवंबर 2025 तक चक्रवाती तूफान का रूप ले सकता है। हालाँकि, मौसम मॉडल की विश्वसनीयता 4–5 दिन के बाद कम हो जाती है, इसलिए बिल्कुल सटीक भविष्यवाणी इस हफ्ते के अंत तक ही संभव होगी।
ऐसे तूफान अक्सर नियमों को चुनौती देते हैं, इसलिए उनकी ट्रैक, तीव्रता और समयसीमा में बदलाव की गुंजाइश रहती है। इन सभी विवरणों को अगले हफ्ते की शुरुआत में पूरी जानकार के साथ साझा किया जाएगा।
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डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।
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