क्रिसमस पर नहीं गिरी बर्फ, अब न्यू ईयर पर सफेद चादर ओढ़ सकते हैं पहाड़, जानें कहां होगी बर्फबारी

By: Mahesh Palawat | Edited By: Mohini Sharma
Dec 26, 2025, 7:15 PM
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मौसम अपडेट

मुख्य मौसम बिंदु

  • जम्मू-कश्मीर में हाल ही में मध्यम से भारी बर्फबारी
  • हिमाचल और उत्तराखंड के कई हिल स्टेशन अब भी बर्फ से वंचित
  • 27 और 30 दिसंबर को नए पश्चिमी विक्षोभ की संभावना
  • नए साल पर कश्मीर में बर्फबारी बढ़ने के आसार

21 से 23 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर के बड़े हिस्सों में मध्यम से भारी बर्फबारी दर्ज की गई, जिससे पूरे क्षेत्र में असली सर्दियों जैसा माहौल बन गया। पहाड़, सड़कें और ऊँचे इलाके बर्फ की चादर से ढक गए और ठंड का असर साफ नजर आया।

हिमाचल और उत्तराखंड में सूखा रहा मौसम

इसी दौरान हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के ज्यादातर इलाकों में मौसम लगभग सूखा बना रहा। इससे कई प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों को निराशा हाथ लगी, क्योंकि इस समय आमतौर पर बर्फबारी की उम्मीद रहती है। मनाली के पास कुछ चुनिंदा ऊँचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी जरूर दर्ज की गई, लेकिन शिमला, मनाली और कुफरी जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थल लगभग बर्फ से अछूते रहे।

पर्यटकों के लिए कृत्रिम बर्फ का सहारा,औली भी सूखा

क्रिसमस के दौरान पर्यटकों को खुश रखने के लिए प्रशासन और होटल संचालकों ने मनाली और शिमला के कुछ हिस्सों में कृत्रिम बर्फ डलवाई, ताकि सैलानियों को बर्फ का अनुभव कराया जा सके। वहीं, उत्तराखंड में हालात और भी अलग रहे। केदारनाथ, जहां इस समय तक नियमित रूप से बर्फबारी हो जाती है, वहां अब तक एक भी बार बर्फ नहीं गिरी है। औली, जो कि एक प्रमुख विंटर टूरिज्म डेस्टिनेशन है, वहां भी मौसम पूरी तरह सूखा बना हुआ है और निकट भविष्य में वहां किसी बड़ी बर्फबारी की संभावना नहीं जताई जा रही है।

दक्षिण भारत के हिल स्टेशनों में कड़ाके की ठंड

दक्षिण भारत में ऊटी और नीलगिरि पहाड़ियों जैसे हिल स्टेशनों पर काफी ठंड पड़ रही है। यहां तापमान काफी नीचे चला गया है और कई जगहों पर पाला भी पड़ रहा है। हालांकि, इन इलाकों में बर्फबारी संभव नहीं है, क्योंकि दक्षिण भारत के हिल स्टेशनों की जलवायु बर्फ बनने के अनुकूल नहीं होती।

27 दिसंबर से नया पश्चिमी विक्षोभ

आगे की बात करें तो 27 दिसंबर को पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र की ओर एक नया पश्चिमी विक्षोभ बढ़ रहा है। इसके असर से 27 और 28 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में हल्की से मध्यम बर्फबारी हो सकती है।

नए साल पर और बढ़ेगी बर्फबारी

30 दिसंबर से 1 जनवरी के बीच एक और, थोड़ा ज्यादा मजबूत पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय को प्रभावित कर सकता है। इस दौरान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी की तीव्रता काफी बढ़ने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश के कई जिलों में भी अच्छी बर्फबारी हो सकती है।

नए साल पर कहां गिरेगी बर्फ

हालांकि, इस सिस्टम का असर उत्तराखंड पर सीमित ही रहने की संभावना है। राज्य के ऊँचे इलाकों में केवल हल्की बर्फबारी हो सकती है। कुल मिलाकर नए साल की पूर्व संध्या के आसपास जम्मू-कश्मीर के कई पर्यटन स्थल ताजा बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं। वहीं, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लोकप्रिय हिल स्टेशनों में इस सीजन बर्फबारी की उम्मीद अपेक्षाकृत कम ही नजर आ रही है।

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Mahesh Palawat
Vice President of Meteorology & Climate Change
Mr. Palawat, Vice President of Meteorology & Climate Change, is a former Air Force boxer and a passionate weather enthusiast. Dedicated to tracking and predicting weather for the benefit of farmers and the general public, he has been an integral part of Skymet since its inception.
FAQ

शिमला और मनाली में बर्फबारी की संभावना सीमित है, केवल ऊँचे इलाकों में हल्की बर्फ गिर सकती है।

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर उत्तराखंड तक पूरी तरह नहीं पहुंच पा रहा है।

दक्षिण भारत की जलवायु और तापमान बर्फ बनने के लिए अनुकूल नहीं होते, इसलिए वहां केवल ठंड और पाला पड़ता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है