उत्तर भारत की बारिश-बर्फबारी से महाराष्ट्र तक चली शीतलहर,कई इलाकों में बढ़ी सर्दी, आगे बदलेगा मौसम
मुख्य मौसम बिंदु
- महाराष्ट्र में दिसंबर के दौरान लंबा शीत लहर का दौर
- पुणे में 2014 के बाद सबसे ठंडा दिसंबर दर्ज
- नासिक और ज्यूअर में भी गंभीर ठंड की स्थिति
- पश्चिमी विक्षोभ से अब तापमान में बढ़ोतरी के संकेत
महाराष्ट्र में दिसंबर महीने के दौरान लंबे समय तक ठंड का दौर देखने को मिला। महाराष्ट्र के सभी स्थलरुद्ध (लैंडलॉक्ड) उप-विभागों मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा और विदर्भ में शीत लहर की स्थिति लंबे समय तक बनी रही। हालांकि अब तापमान में धीरे-धीरे नरमी आनी शुरू हो गई है और आगे के दिनों में ठंड से और राहत मिलने की संभावना है।

उत्तर भारत में तेज ठंड और बर्फबारी
इससे पहले पिछले वीकेंड पर उत्तर भारत में तेज शीत लहर ने अपना असर दिखाया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के ऊँचे इलाकों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी हुई, जबकि निचले और मध्यम ऊँचाई वाले पहाड़ी इलाकों में बारिश दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति, रोहतांग पास, पांगी घाटी और शिंकू ला जैसे ऊँचाई वाले क्षेत्रों में भारी ठंड का प्रकोप रहा।
शिंकू ला बना नया आकर्षण
शिंकू ला और उसके आसपास करीब 5000 मीटर की ऊँचाई पर हल्की बर्फबारी हुई, जिसने पर्यटकों का खास ध्यान खींचा। यह क्षेत्र अब एक नए स्नो टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है और इसे एक प्रमुख आकर्षण के तौर पर विकसित किया जा रहा है, जिससे यहां पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
उत्तर भारत से महाराष्ट्र तक शीतलहर
इस सर्द मौसम के बाद शीतलहर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में फैल गई। यह ठंडी हवा आगे बढ़ते हुए महाराष्ट्र के कुछ इलाकों तक भी पहुंच गई, जहां कई क्षेत्रों में असामान्य रूप से ठंडा मौसम दर्ज किया गया। महाराष्ट्र का प्रमुख शहर पुणे ने पिछले एक दशक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए और दिसंबर 2014 के बाद का सबसे ठंडा दिसंबर दर्ज किया गया। दिसंबर 2025 में अब तक 16 दिनों तक पुणे में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। उत्तर भारत से आई ठंडी और शुष्क हवाओं के साथ साफ आसमान ने रात के समय ऊष्मा क्षय (रेडिएशन लॉस) को बढ़ाया, जिससे ठंड और तेज हो गई।
नासिक और ज्यूअर में भी कड़ाके की ठंड
नासिक में भी इस महीने करीब 10 दिनों तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। 19 दिसंबर 2025 को यहां न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं मध्य महाराष्ट्र के ज्यूअर में तापमान पहले 5 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था, जिससे वहां गंभीर ठंड की स्थिति बन गई। अब उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में एक के बाद एक दो पश्चिमी विक्षोभ पहुंचने की संभावना है। इनके प्रभाव से मैदानी इलाकों में हवा के रुख में बदलाव आएगा, जिससे कड़ाके की ठंड का असर आगे बढ़ने से रुक जाएगा।
हवाओं के पैटर्न में बदलाव से मिलेगी राहत
मध्य और पश्चिमी राजस्थान पर बना मौसमी प्रतिचक्रवात अब धीरे-धीरे पूर्व की ओर खिसक रहा है। इससे खासतौर पर उन इलाकों में हवा के पैटर्न में बदलाव होगा, जो ठंड से सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं। अब तापमान में और गिरावट रुक जाएगी और इसके बजाय धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, दिसंबर के शेष दिनों में अधिकांश हिस्सों में न्यूनतम तापमान दो अंकों में बना रहेगा। यानी, महाराष्ट्र सहित प्रभावित क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड से राहत मिलने के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं।







