दिल्ली समेत उत्तर भारत कोहरे की चादर में लिपटा, सड़क-रेल-हवाई यातायात ठप

By: Mahesh Palawat | Edited By: Mohini Sharma
Dec 19, 2025, 2:00 PM
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उत्तर भारत में छाया कोहरा, प्रतीकात्मक फोटो

मुख्य मौसम बिंदु

  • दिल्ली एयरपोर्ट पर दृश्यता 50 मीटर तक गिरी, 150+ उड़ानें प्रभावित
  • यूपी, पंजाब, हरियाणा समेत कई शहरों में लगभग शून्य दृश्यता
  • हल्की हवाएं और अधिक नमी कोहरे को और घना बना रही हैं
  • अगले 3–4 दिनों तक कोहरे से राहत की संभावना नहीं

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों खासकर दिल्ली समेत कई राज्यों में घना कोहरा छाया रहा,जिससे जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। कोहरे की शुरुआत 18 दिसंबर से हुई थी, जो 19 दिसंबर को भी जारी रही। इतना ही नहीं 19 दिसंबर को कोहरे की तीव्रता और अधिक बढ़ गई, जिससे विजिबिलिटी बेहद खतरनाक स्तर तक गिर गई।

कई राज्यों में लगभग शून्य दृश्यता, उड़ानें प्रभावित

दिल्ली एयरपोर्ट पर रात 2:00 बजे विजिबिलिटी घटकर महज 50 मीटर रह गई, जो सुबह 8:30 बजे तक बनी रही। बहुत ही कम विजिबिलिटी के कारण 150 से अधिक उड़ानों को या तो रद्द करना पड़ा या उनका रूट बदलना पड़ा। वहीं, कई उड़ानों में देरी भी दर्ज की गई, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश के आगरा, बरेली, सहारनपुर और गोरखपुर में दृश्यता लगभग शून्य रही। हरियाणा के अंबाला में भी हालात बेहद खराब रहे। वहीं पंजाब के अमृतसर, बठिंडा, लुधियाना और आदमपुर में भी घने कोहरे के कारण विज़िबिलिटी न के बराबर दर्ज की गई।

मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड भी कोहरे की चपेट में

उत्तर भारत तक सीमित न रहते हुए, कोहरे का असर मध्य प्रदेश के ग्वालियर, बिहार के भागलपुर और झारखंड के डाल्टनगंज में भी देखा गया। इन शहरों में भी सुबह के समय दृश्यता लगभग शून्य रही, जिससे सड़क और रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ।

रात की ठंडक और अधिक नमी से बन रहा है घना कोहरा

इस दौरान तापमान काफी नीचे बना हुआ है और आसमान साफ है। हवाएं बहुत हल्की और परिवर्तनीय दिशा की हैं। सुबह और रात के समय वातावरण में नमी का स्तर भी काफी अधिक बना हुआ है, जो कोहरे के लिए अनुकूल परिस्थितियां तैयार कर रहा है। रात के समय पृथ्वी की सतह तेजी से ठंडी हो जाती है। इसके कारण सतह के पास मौजूद नम हवा भी काफी ठंडी हो जाती है। जब यह ठंडी और नम हवा संघनित होती है, तो कोहरे का निर्माण होता है। यही वजह है कि सुबह के समय घना कोहरा देखने को मिल रहा है।

पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय, लेकिन राहत की उम्मीद नहीं

20 से 23 दिसंबर के बीच एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय को प्रभावित करेगा। हालांकि, इस दौरान उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवाओं की रफ्तार बहुत कम बनी रहेगी। ऐसे में कोहरे को हटाने के लिए आवश्यक तेज हवाएं नहीं चलेंगी, जिससे अगले 3 से 4 दिनों तक घने कोहरे से खास राहत की उम्मीद नहीं है। घने कोहरे के कारण कई ट्रेनें देरी से चल रही हैं। वहीं उड़ानों में देरी, डायवर्जन और रद्द होने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। राष्ट्रीय और राज्यीय राजमार्गों पर दृश्यता बेहद कम होने से सड़क दुर्घटनाओं का खतरा भी काफी बढ़ गया है।

यात्रा से पहले सतर्कता बरतें

Skymet लोगों से अपील करता है कि वाहन चलाते समय बेहद सावधानी बरतें। खासकर सुबह और रात के समय अनावश्यक यात्रा से बचें। ट्रेन या फ्लाइट से यात्रा करने से पहले उनके समय की पुष्टि अवश्य करें, ताकि किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सके।

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Mahesh Palawat
Vice President of Meteorology & Climate Change
Mr. Palawat, Vice President of Meteorology & Climate Change, is a former Air Force boxer and a passionate weather enthusiast. Dedicated to tracking and predicting weather for the benefit of farmers and the general public, he has been an integral part of Skymet since its inception.
FAQ

कम तापमान, साफ आसमान, हल्की हवाएं और अधिक नमी के कारण रात में सतह ठंडी हो रही है, जिससे घना कोहरा बन रहा है।

नहीं, पश्चिमी विक्षोभ के बावजूद हवाएं कमजोर रहेंगी, इसलिए अगले 3–4 दिन कोहरा बना रहेगा।

वाहन धीमी गति से चलाएं, फॉग लाइट का उपयोग करें और यात्रा से पहले ट्रेन व फ्लाइट की स्थिति जांच लें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही जानकारी देने का प्रयास करते हैं, लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

Skymet भारत की सबसे बेहतर और सटीक निजी मौसम पूर्वानुमान और जलवायु इंटेलिजेंस कंपनी है, जो देशभर में विश्वसनीय मौसम डेटा, मानसून अपडेट और कृषि जोखिम प्रबंधन समाधान प्रदान करती है