महाराष्ट्र के भू-अंतरित (land locked) उप-विभागों में ठंड की लहर ने दस्तक दे दी है। मध्यम स्तर की ठंड ने मालेगांव–नासिक से लेकर शोलापुर–जेजूर तक फैले पूरे मध्य महाराष्ट्र के उत्तर–दक्षिण हिस्से को प्रभावित किया है। राज्य भर में खासकर मध्य महाराष्ट्र में इस सीज़न के सबसे कम एकल-अंकीय (single digit) तापमान दर्ज किए गए हैं। तटीय इलाकों में रात का तापमान सामान्य रूप से किशोर (teens) में रहता है, लेकिन इस बार यह भी सामान्य से 3°–4°C कम दर्ज हुआ है। मुंबई (सांताक्रूज़) का न्यूनतम तापमान 17.4°C रिकॉर्ड हुआ, जो औसत से 4°C कम और पिछले दिन की तुलना में 1.5°C की गिरावट है। यह इस महीने का अब तक का सबसे कम तापमान है। आगे तापमान में और गिरावट रुकने की संभावना है।
उत्तर की पहाड़ियों से ठंडी हवाएँ बढ़ा रहीं ठंड का असर
पंजाब और हरियाणा की पहाड़ियों और तराई क्षेत्रों से बहकर आती ठंडी हवाएँ उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में ठंड की लहर पैदा कर रही हैं। मध्य पाकिस्तान और पश्चिम राजस्थान पर बने मौसमी एंटीसाइक्लोन के कारण ये हवाएँ और तेज होकर दक्षिण की ओर बढ़ रही हैं, जिससे दक्षिण राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बड़े हिस्से प्रभावित हो रहे हैं। मध्य महाराष्ट्र, जो इन ठंडी हवाओं के सबसे नज़दीक है, सबसे ज्यादा ठंड का सामना कर रहा है। जलगाँव और जेजूर में तापमान 7°C तक गिर गया, जो सामान्य से 7°–8°C कम है और ठंड की लहर तथा कुछ स्थानों पर भीषण ठंड की स्थिति बना रहा है।
सिंगल डिजिट तापमान में कई शहर, कई जगह भीषण ठंड
मध्य महाराष्ट्र के बड़े हिस्सों के साथ-साथ मराठवाड़ा और विदर्भ के कुछ इलाकों में भी तापमान एकल-अंकों (single digit) में दर्ज किया गया है, जो सामान्य से 5°–8°C तक कम है। जब न्यूनतम तापमान 10°C या उससे कम हो और सामान्य से 4.5°C या अधिक गिरावट आए, तो ठंड की लहर मानी जाती है। वहीं, तापमान में 6.5°C या उससे ज्यादा की कमी भीषण ठंड का संकेत देती है।
पुणे में न्यूनतम तापमान 9.4°C रहा, जो सामान्य से 5.6°C कम है, जबकि नासिक 9.2°C (-5.4°) पर दर्ज हुआ। जेजूर (शोलापुर) में तापमान 7°C रहा, जो सामान्य से 7.5°C नीचे है। अहिल्या नगर 8.4°C (-5.3°), बारामती 8.9°C (-6°), जलगाँव 7.1°C (-7.7°), मालेगाँव 9.6°C (-5.5°), गोंदिया 9.6°C (-6.2°) और यवतमाल 9.6°C (-7.4°) पर रहा, जिससे कई स्थानों पर भीषण ठंड की स्थिति बन गई है।
कुछ दिनों में पड़ी ठंड में राहत के संकेत
अगले कुछ दिनों में महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में ठंड कम होने की संभावना है। ओडिशा, दक्षिण छत्तीसगढ़ और उत्तर तेलंगाना के हिस्सों पर एक द्वितीयक एंटीसाइक्लोनिक परिसंचरण सक्रिय होने के आसार हैं। इसके अलावा, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दबाव क्षेत्र दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत से होते हुए दक्षिण-पूर्व अरब सागर की ओर बढ़ेगा। साथ ही, 21–22 नवंबर के आसपास दक्षिण और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। इन सभी प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से महाराष्ट्र में हवा का पैटर्न बदल जाएगा। उत्तर से आने वाली ठंडी, चुभने वाली हवाएँ रुक जाएँगी और निचले स्तरों पर हवाएँ पूर्वी या दक्षिण-पूर्वी दिशा से चलने लगेंगी। इससे उत्तरी मैदानी इलाकों की कड़ाके की ठंड महाराष्ट्र तक पहुँचने से रुक जाएगी।
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