
इस समय दक्षिण-पश्चिम मानसून राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात और उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों से वापस लौट चुका है। आंशिक वापसी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से शुरू हो चुकी है। अगले 24 घंटों के भीतर मानसून पूरी तरह इन राज्यों से भी विदा हो जाएगा। साथ ही बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और तेलंगाना से भी इसकी वापसी पूरी हो जाएगी। अब मानसून वापसी रेखा (withdrawal line) पश्चिमी तट और दक्षिण प्रायद्वीप के अंदरूनी हिस्सों में 15°N अक्षांश तक पहुँचने वाली है, जो उत्तर-पूर्व मानसून (Northeast Monsoon) के आगमन के लिए एक जरूरी संकेत है। अंतिम चरण में 15 अक्टूबर तक पूर्वोत्तर भारत से भी दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी हो जाएगी, जिससे मानसून सीजन समय पर समाप्त हो जाएगा।
इस साल मानसून की वापसी तय समय पर शुरू हुई
दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी आमतौर पर 1 सितंबर से पहले शुरू नहीं होती। इस साल (2025) मानसून की वापसी 14 सितंबर को राजस्थान के पश्चिमी छोर से शुरू हुई। दक्षिण भारत (South Peninsula) से और इस प्रकार पूरे देश से मानसून की पूर्ण वापसी की घोषणा आमतौर पर 1 अक्टूबर के बाद ही की जाती है, जब दक्षिण-पश्चिमी हवाओं की दिशा बदलने लगती है। पिछले साल (2024) मानसून की पूर्ण वापसी 15 अक्टूबर को हुई थी, और उसी दिन दक्षिण-पूर्व भारत में पूर्वोत्तर मानसून का आगमन भी हुआ था। इस साल भी पूर्वोत्तर मानसून का आगमन लगभग उसी समय (±2 दिन के अंतर) पर होने की संभावना है। अधिकांश मौसमी संकेतक (parameters) समय पर दक्षिण भारत में मानसून के आगमन के लिए अनुकूल हो रहे हैं।
वापसी का मतलब पूरी तरह बारिश का न होना नहीं
दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी का अर्थ यह नहीं है कि अब इन इलाकों में बिल्कुल बारिश नहीं होगी। खासकर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटीय हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी और पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत कई बार एक साथ (simultaneous) होती है। ऐसा पहले भी कई मौकों पर हो चुका है। यहां तक कि मानसून की वापसी पूरी होने के बाद भी मुंबई में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है। निचले अक्षांशों (lower latitudes) में एक मौसमीय तंत्र (weather disturbance) सक्रिय हो सकता है, जो पश्चिमी तट (West Coast) के साथ एक ट्रफ लाइन बनाकर कोकण और गोवा के क्षेत्रों में हल्की और रुक-रुक कर होने वाली बारिश का कारण बन सकता है।
अक्टूबर के दूसरे पखवाड़े में सक्रिय रहेगा पूर्वोत्तर मानसून
अक्टूबर के दूसरे हिस्से में दक्षिण भारत के राज्यों के लिए उत्तर-पूर्व मानसून काफी सक्रिय रहने की संभावना है। इस दौरान तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, दक्षिण कर्नाटक और पुडुचेरी जैसे क्षेत्रों में बरसात का दौर शुरू होगा, जिससे रबी फसलों के लिए नमी और जल उपलब्धता में सुधार आएगा। भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी तय समय पर चल रही है और 15 अक्टूबर तक पूरे देश से इसकी पूर्ण वापसी हो जाएगी। इसके तुरंत बाद पूर्वोत्तर मानसून का आगमन दक्षिण भारत में नई बारिश की शुरुआत करेगा-मौसम के अगले चरण की ओर भारत बढ़ रहा है।
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