बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का खतरा बढ़ा, लेकिन ट्रैक अब भी उलझा और अनिश्चित, जानें पूरा अपडेट
By: AVM GP Sharma | Edited By: Mohini Sharma
Nov 21, 2025, 1:00 PM
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बंगाल की खाड़ी में हलचल तेज, बन सकता है तूफान, प्रतीकात्मक फोटो

मलक्का जलडमरूमध्य (स्ट्रेट ऑफ मलक्का) और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जो मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। जिसे चक्रवाती परिसंचरण (साइक्लोनिक सर्कुलेशन) कहते हैं। यह धीरे-धीरे पश्चिम की तरफ बढ़ रहा है। इसके चलते अगले 24 घंटों में दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी(BOB) और अंडमान सागर में लो-प्रेशर बन सकता है। यह सिस्टम काफी मजबूत दिख रहा है और अगले हफ्ते की शुरुआत तक चक्रवात भी बन सकता है। आमतौर पर इस समय समुद्र में बनने वाले ऐसे सिस्टम तेज़ और गंभीर तूफान में बदल जाते हैं।

बंगाल की खाड़ी में तूफान बनने के आसार

बंगाल की खाड़ी में तूफान बनने के आसार

नवंबर में बनने वाले तूफानों का सामान्य क्षेत्र और ट्रैक

नवंबर में बंगाल की खाड़ी में बनने वाले ज्यादातर तूफान 8°N से 13°N अक्षांश के बीच बनते हैं। जो तूफान पश्चिम–उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ते हैं, वे उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण आंध्र के तटीय हिस्सों पर टकराते हैं और फिर अरब सागर में दाखिल होकर दोबारा तेज हो जाते हैं। पिछले साल नवंबर में चक्रवात फेंगल (Fengal) ने यही मार्ग अपनाया था और कराईकल के पास तट से टकराया था। जो तूफान ज्यादा उत्तरी हिस्सों में बनते हैं, वे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़कर बाद में उत्तर-पूर्व की तरफ मुड़ जाते हैं। चक्रवात मिधिली (Midhili) ने भी नवंबर 2023 में ऐसा ही रास्ता अपनाया और बांग्लादेश के मध्य भाग से टकराया था।

बन रहा सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर की ओर चढ़ेगा

जो संभावित लो-प्रेशर एरिया बन रहा है, वह दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के निचले हिस्सों में विकसित होगा, लेकिन धीरे-धीरे अक्षांश बढ़ाते हुए 25 नवंबर तक साउथ-सेंट्रल बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद ऐसे चक्रवातों का ट्रैक अनिश्चित हो जाता है, यह पूर्वी तट से टकरा भी सकता है, या फिर तट के पास-पास होकर पश्चिम बंगाल/बांग्लादेश की ओर मुड़ सकता है। यह सब निर्भर करता है 25,000 फीट ऊंचाई पर मौजूद हवाओं (steering current) और सब-ट्रॉपिकल रिज की स्थिति पर, जो तूफान की दिशा, समय और बाईं/दाईं ओर मुड़ने को तय करती है।अधिक स्पष्टता तब मिलती है जब सिस्टम कम से कम डिप्रेशन बन जाए, जो कि 24 नवंबर के आसपास होने की संभावना है।

पूरे पूर्वी तट पर बढ़ा खतरा, कड़ी तैयारी जरूरी

बंगाल की खाड़ी में इस सीजन के दूसरे संभावित चक्रवात की आशंका को देखते हुए, तमिलनाडु से लेकर पश्चिम बंगाल तक पूरा पूर्वी तट सतर्कता के दायरे में है। क्योंकि यह सिस्टम लंबी समुद्री यात्रा करेगा और समुद्र व वातावरण की स्थितियां भी इसके अनुकूल हैं, इसलिए इसके गंभीर चक्रवात में बदलने की संभावना ज्यादा है। ऐसी स्थिति में पूरे तटीय क्षेत्र को अधिकतम तैयारी और सतर्क रहना होगा, जिससे किसी भी समय तुरंत कार्रवाई की जा सके।

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AVM GP Sharma
President of Meteorology & Climate Change
AVM Sharma, President of Meteorology & Climate Change at Skymet Weather Services, is a retired Indian Air Force officer who previously led the Meteorological Branch at Air Headquarters in New Delhi. With over a decade of experience at Skymet, he brings a wealth of knowledge and expertise to the organization.
FAQ

स्ट्रेट ऑफ मलक्का और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना है, जो पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों में दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में लो-प्रेशर बनने की उम्मीद है, जो आगे चलकर चक्रवात में बदल सकता है।

सिस्टम 25 नवंबर तक साउथ-सेंट्रल बंगाल की खाड़ी तक पहुंचेगा। इसके बाद इसका रास्ता अनिश्चित है—यह पूर्वी तट से टकरा सकता है या फिर तट के करीब चलते हुए पश्चिम बंगाल या बांग्लादेश की ओर मुड़ सकता है। ट्रैक पूरी तरह ऊपरी हवा (steering current) और सब-ट्रॉपिकल रिज पर निर्भर करेगा।

संभावित चक्रवात तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के लिए खतरा पैदा कर सकता है। इस समय पूरे पूर्वी तट पर अलर्ट बढ़ा दिया गया है क्योंकि सिस्टम लंबे समुद्री मार्ग और अनुकूल परिस्थितियों के कारण गंभीर चक्रवात में बदल सकता है।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी स्काइमेट की पूर्वानुमान टीम द्वारा किए गए मौसम और जलवायु विश्लेषण पर आधारित है। हम वैज्ञानिक रूप से सही ज लेकिन बदलती वायुमंडलीय स्थितियों के कारण मौसम में बदलाव संभव है। यह केवल सूचना के लिए है, इसे पूरी तरह निश्चित भविष्यवाणी न मानें।

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