दिल्ली में सीजन का सबसे कम तापमान दर्ज, ठंड बढ़ी लेकिन शीतलहर और कोहरा गायाब, जानें क्यों?
मुख्य मौसम बिंदु
- दिल्ली में तापमान सिंगल डिजिट में, सामान्य से नीचे है
- पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय लेकिन बारिश की संभावना नहीं है
- कोहरा अब तक गायब, मौसम में नमी की कमी बनी हुई है
- अगले दिनों में तापमान में हल्की बढ़ोतरी संभव
दिसंबर महीने की शुरुआत दिल्ली में कड़ाके की ठंड के साथ हुई है। न्यूनतम तापमान लगातार सिंगल डिजिट में बना हुआ है और सामान्य से नीचे चल रहा है। 1 दिसंबर को ही राजधानी में शीतलहर जैसी स्थिति बन गई थी, जब न्यूनतम तापमान 5.7°C दर्ज हुआ, जो औसत से लगभग 4.6°C कम है। आज 4 दिसंबर को बेस स्टेशन सफदरजंग में 5.6°C न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया, जो अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान है। दिसंबर के पहले हफ्ते में पेंटैड नॉर्मल (औसत का पाँच-दिवसीय पैटर्न) बढ़ने की वजह से यह तापमान औसत से 3.9°C कम है, लेकिन फिर भी यह शीतलहर के मानकों के दायरे से बाहर है।
जम्मू-कश्मीर पर पश्चिमी विक्षोभ की हलचल
जम्मू-कश्मीर के ऊपर इस समय एक ऊपरी हवा का पश्चिमी विक्षोभ गुजर रहा है। इसके असर से श्रीनगर, लेह, जम्मू, पठानकोट और आसपास के इलाकों में मध्यम और ऊँचे बादल छाए हुए हैं। हालांकि, अभी किसी भी तरह की बारिश या बर्फबारी जैसी गतिविधि नहीं हो रही है। एक और कमजोर पश्चिमी विक्षोभ 5 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय की ओर आ रहा है और पर्वतीय क्षेत्र को पार करने में इसे करीब 48 घंटे लगेंगे। इस दौरान निचले स्तर की हवाएँ पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के आसपास थोड़ी तेज हो रही हैं। आमतौर पर, पश्चिमी विक्षोभ की वजह से तापमान बढ़ता है, लेकिन तेज हवाएँ ठंडक का एहसास बढ़ा देती हैं। इसलिए दोनों के संयुक्त प्रभाव से अगले 24 घंटों में दिल्ली और आसपास के इलाकों में तापमान थोड़ा गिर सकता है। इसके बाद न्यूनतम तापमान में करीब 1°C की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
दिल्ली–NCR में अब तक नहीं दिखी सर्दी की धुंध
इस बार सर्दियों में दिल्ली–NCR में कोहरा गायब है। दिल्ली की सर्दियों में दिखने वाली सफेद धुंध की परत अभी भी इंतज़ार में है। सामान्य तौर पर नवंबर में लगभग 12 दिन कोहरा होता है और दिसंबर में यह बढ़कर 19 दिन तक पहुँच जाता है। इसमें प्रदूषण और दूषित हवा के कारण कम होने वाली दृश्यता (विज़िबिलिटी) भी गिनी जाती है। फिर भी, नवंबर में कम से कम 2–3 दिन और दिसंबर में इससे ज्यादा दिन कोहरा देखने को मिलता है।
दरअसल, घना और सर्दी का कोहरा तब बनता है जब कोई सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ गुजरता है। कोहरा बनने के लिए नमी का स्तर काफी बढ़ना जरूरी होता है। जब तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश नहीं होती, तब तक मौसमी कोहरा दिल्ली में बनने की संभावना कम ही रहेगी। अगले एक हफ्ते या उससे भी ज्यादा समय में बारिश का कोई मौका नहीं दिख रहा है। सुबह की ठंड बढ़ने के बावजूद घना कोहरा नहीं होने पर दिल्लीवासियों के लिए सर्दियों का एहसास कम हो रहा है।







