अरब सागर के पूर्व-मध्य भाग (East-Central Arabian Sea) में बना डिप्रेशन (Depression) अब भी उसी क्षेत्र में मंडरा रहा है। यह मौसम प्रणाली 22 अक्टूबर को दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र में बनी थी। तब से यह प्रणाली समुद्र के खुले जल क्षेत्र में धीरे-धीरे आगे बढ़ते हुए, कई दिशाओं में घूमती रही है, जिससे इसका रास्ता बहुत अनिश्चित (unpredictable) हो गया है। हालांकि, पिछले 24 घंटों में यह प्रणाली लगातार उत्तर-पूर्व दिशा (northeastward) की ओर बढ़ी है और फिलहाल इसी दिशा में बढ़ने की संभावना है। वर्तमान में इसका केंद्र वेरावल (Veraval) से लगभग 500 किमी दक्षिण-दक्षिणपश्चिम में और मुंबई के समानांतर समुद्र में लगभग 500 किमी दूर स्थित है।
डिप्रेशन के कारण बने बारिश के हालात
यह डिप्रेशन उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में फैले एक अक्ष (axis) के साथ फैला हुआ था, जो सौराष्ट्र, मध्य गुजरात से होते हुए पश्चिमी मध्य प्रदेश तक फैला रहा। इसके प्रभाव से पिछले 24 घंटों के दौरान कई जगहों पर मध्यम से भारी बारिश (Moderate to Heavy Rain) दर्ज की गई है। जिसमें वेरावल में 129 मिमी, बड़ौदा में 112 मिमी, महुवा में 74 मिमी, कोटा में 72 मिमी, चित्तौड़गढ़ में 68 मिमी, भीलवाड़ा में 88 मिमी, श्योपुर में 115 मिमी, ग्वालियर में 69 मिमी रिकॉर्ड हो चुकी है। अगले 2 से 4 दिनों तक गुजरात में और बारिश जारी रह सकती है।
गुजरात में बढ़ेगी बारिश
जैसे-जैसे यह डिप्रेशन सौराष्ट्र और खंभात की खाड़ी (Gulf of Cambay) के तट के करीब पहुंचेगा, वैसे-वैसे सौराष्ट्र, मध्य और दक्षिण गुजरात में मौसम की गतिविधियां (Weather Activity) और बढ़ेंगी। इसके अलावा दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश और दक्षिण-पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। जैसे-जैसे यह सिस्टम उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा, यह गर्म समुद्री सतह वाले क्षेत्र में प्रवेश करेगा, जो इसकी ताकत बनाए रखने में मदद करेगा। हालांकि, सूखी हवा (dry air entrainment) और हवा की दिशा में बदलाव (wind shear) के कारण यह प्रणाली बहुत अधिक नहीं बढ़ेगी, लेकिन फिर भी गुजरात और मध्य प्रदेश, खासकर सौराष्ट्र और गुजरात के आंतरिक हिस्सों में 30 अक्टूबर से 1 नवंबर 2025 के बीच भारी बारिश दे सकती है।
कमजोर होते हुए भी जारी रहेगा असर
1 नवंबर के बाद यह प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर हो सकती है और सौराष्ट्र तट के करीब एक कमजोर परिसंचरण (weak perturbation) के रूप में भूमि भाग में प्रवेश कर सकती है। इसका अवशिष्ट प्रभाव (remnants) 1 नवंबर के बाद भी तट के पास बना रह सकता है। 5 नवंबर 2025 के बाद क्षेत्र में मौसम धीरे-धीरे साफ (broad clearance) होने की संभावना है।
अरब सागर में बना यह डिप्रेशन धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ रहा है और गुजरात, मध्य प्रदेश व राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बनाए हुए है। सौराष्ट्र और मध्य गुजरात में अगले कुछ दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा, जबकि 5 नवंबर के बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है।






