
वर्तमान में तमिलनाडु के दक्षिणी तट और कोमोरिन क्षेत्र के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सक्रिय है, जो समुद्र तल से लगभग 1.5 किलोमीटर ऊँचाई तक फैला हुआ है। इसके अलावा एक और चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पूर्व अरब सागर और समीपवर्ती भूमध्यरेखीय हिंद महासागर पर बना हुआ है, जो 3.1 से 5.8 किलोमीटर की ऊँचाई तक फैला है।
अरब सागर में बनेगा लो प्रेशर एरिया
इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव से दक्षिण-पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र, जो केरल और कर्नाटक तटों के पास है, वहां 19 अक्टूबर के आसपास एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बनने की संभावना है। यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ेगा।
तमिलनाडु और केरल में जारी है व्यापक वर्षा गतिविधि
इन सक्रिय प्रणालियों के प्रभाव से तमिलनाडु और केरल में व्यापक वर्षा जारी है। पिछले 24 घंटों में कई स्थानों पर भारी बारिश दर्ज की गई। जिसमें तमिलनाडु के थंजावुर में 43 मिमी, अतिरामपट्टिनम में 30 मिमी, चेन्नई में 29 मिमी और ऊटी (उधगमंडलम) में 50 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है। वहीं, केरल में के तिरुवनंतपुरम में 31 मिमी, कोट्टायम में 46 मिमी कोझिकोड और कन्नूर में लगभग 10 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
आने वाले दिनों में तेज बारिश की संभावना
जब यह निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) और अधिक संगठित होगा, तो अगले सप्ताह दक्षिण तमिलनाडु और केरल के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। हालांकि, भीषण बाढ़ जैसी स्थिति की उम्मीद नहीं है। लेकिन समुद्र में लहरें ऊँची हो सकती हैं और हवाओं की गति भी बढ़ने की संभावना है, खासकर तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप तट पर।
मछुआरों के लिए चेतावनी
मछुआरों के लिए चेतावनी है कि वे इस दौरान गहरे समुद्र में न जाएँ। समुद्र की स्थिति उग्र और अस्थिर रहने की संभावना है। मौसम से संबंधित जारी नई सलाह और अपडेट पर नज़र बनाए रखें ताकि किसी भी संभावित खतरे से बचा जा सके।
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