बंगाल की खाड़ी में बना नया लो-प्रेशर, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों पर भारी बारिश का खतरा
Oct 24, 2025, 3:30 PM | Skymet Weather Team
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लगातार बने हुए साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती परिसंचरण) के प्रभाव से दक्षिण-पूर्व और दक्षिण-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र (Low Pressure Area) बन गया है। यह सिस्टम वर्तमान में 11°N अक्षांश और 89°E देशांतर के आसपास स्थित है, यानी बंगाल की खाड़ी के गर्म समुद्री क्षेत्र पर फैला हुआ है। इसके साथ ही निम्न स्तर पर स्पष्ट परिसंचरण (well-marked circulation) और घने बादलों का बड़ा गुच्छा (massive cloud cluster) भी देखा जा रहा है। यह सिस्टम अगले 24 से 36 घंटों के भीतर डिप्रेशन (Depression) में तब्दील हो जाएगा और पश्चिम-उत्तरपश्चिम (West-Northwest) दिशा में आगे बढ़ेगा। इस दौरान यह दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुंच जाएगा और धीरे-धीरे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तटों के करीब पहुंचने लगेगा।

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ठंडे पानी की चुनौती और सिस्टम की दिशा

वर्तमान में इस सिस्टम के पश्चिमी किनारे के पास ठंडे पानी का एक क्षेत्र (cold pool) मौजूद है, जो इसकी ताकत और विकास के लिए हानिकारक हो सकता है। हालांकि, यह सिस्टम धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ेगा, जिससे यह ठंडे पानी से दूर होकर गर्म समुद्र क्षेत्र की ओर जाएगा। अगले 24 घंटों में यह बाधा पार करने के बाद, यह सिस्टम तेजी से गर्म समुद्रों की ओर बढ़ेगा, जहां वातावरण इसके विकास के लिए ज्यादा अनुकूल (favorable) होगा। इस प्रक्रिया के दौरान यह डिप्रेशन से एक साइक्लोनिक स्टॉर्म (Cyclonic Storm) में भी बदल सकता है।

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अनुकूल मौसम स्थितियाँ और संभावित चक्रवात

जैसे-जैसे यह सिस्टम 12°N अक्षांश के ऊपर पहुंचेगा, इसे एक ऐसे क्षेत्र से गुजरना होगा जहां हल्की से मध्यम विंड शियर (Light to Moderate Wind Shear) और काफी गर्म समुद्री सतह (Warm Sea Surface) होगी। इस गर्म समुद्री क्षेत्र में पर्याप्त ऊष्मा (heat potential) मौजूद है, जो सिस्टम को तेजी से ऊर्जा प्रदान करेगी। इसी कारण से संभावना है कि यह डिप्रेशन जल्द ही और मज़बूत होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील हो सकता है। इसके असर से तमिलनाडु के तटीय इलाकों और दक्षिणी आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का खतरा मंडराने लगा है।

चेन्नई में भारी बारिश की चेतावनी

राजधानी चेन्नई (Chennai) में 26 से 28 अक्टूबर के बीच भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। इससे पहले और बाद में भी शहर में बिखरी हुई हल्की बारिश (scattered rains) देखी जा सकती है। इस दौरान होने वाली बारिश से सामान्य जनजीवन और संचार व्यवस्था (communication) प्रभावित हो सकती है। निचले इलाके, सड़कों और गलियों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थिति बनने की संभावना है। तालाब और झीलें (water bodies) अपनी क्षमता तक भर जाएंगी, और अधिक पानी छोड़े जाने की भी स्थिति बन सकती है।

परिवहन और जनजीवन पर असर

भारी बारिश के दौरान रेल, सड़क और हवाई सेवाएं एक साथ प्रभावित हो सकती हैं, विशेषकर रविवार और सोमवार (26-27 अक्टूबर) को। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने, पहले से तैयारी करने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। इस दौरान सावधानी बरतना बेहद जरूरी होगा ताकि किसी भी आपात स्थिति (eventuality) से निपटा जा सके।