
कमजोर पड़ा चक्रवाती तूफान ‘मोंथा’ अब दक्षिण छत्तीसगढ़ और विदर्भ के ऊपर एक स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र (Well Marked Low Pressure Area) के रूप में सक्रिय था, जो उत्तर-उत्तरपश्चिम दिशा में बढ़ते हुए अब पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश और उत्तर छत्तीसगढ़ के हिस्सों में पहुंच गया है। यह सिस्टम ऊपरी स्तरों तक फैले हुए विस्तृत चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) के साथ सक्रिय है। हालांकि तूफान अब काफी कमजोर हो चुका है, लेकिन इसके प्रभाव से अगले दो दिन तक इन क्षेत्रों में भारी वर्षा की संभावना बनी हुई है।

Satellite Image (IST: 12:30 PM) | Courtesy: mosdac.gov.in
अरब सागर में डिप्रेशन और ट्रफ की कड़ी से बना रहेगा असर
अरब सागर के पूर्व-मध्य भागों में अभी भी एक डिप्रेशन (Depression) सक्रिय है। इन दोनों प्रणालियों अरब सागर के डिप्रेशन और मध्य भारत के निम्न दबाव क्षेत्र के बीच उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में एक लंबा ट्रफ (Trough) बना हुआ है। यह ट्रफ दोनों सिस्टमों को जोड़ते हुए मौसम गतिविधि को सामान्य से ज्यादा क्षेत्र तक फैला रहा है। इसी कारण कमजोर पड़ा मोंथा तूफान अब भी सक्रिय बना हुआ है और इसका प्रभाव लंबे समय तक जारी रहेगा।
31 अक्टूबर तक इन 3 राज्यों में असर
तूफान मोंथा का शेष निम्न दबाव क्षेत्र (Remnant Low Pressure) आगे बढ़कर बिहार, झारखंड और उत्तर बंगाल के हिस्सों तक पहुंचेगा। यह सिस्टम 31 अक्टूबर को सबसे सक्रिय रहेगा और 1 नवंबर 2025 तक इसके अवशिष्ट प्रभाव बने रहेंगे। अगले दो दिनों में उत्तर छत्तीसगढ़, पूर्वोत्तर मध्य प्रदेश, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हिस्सों में व्यापक वर्षा और गरज-चमक के साथ बारिश होने की संभावना है।
भारी बारिश की आशंका वाले प्रमुख जिले उमरिया, सतना, कटनी, सिंगरौली, रीवा, शहडोल, रायपुर, दुर्ग, अंबिकापुर, बेमेतरा, बीजापुर और दंतेवाड़ा हैं।
बिहार और पूर्वी यूपी में भी बारिश के आसार
बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिन हिस्सों में बारिश का असर रहेगा, उनमें गाजीपुर, बलिया, देवरिया, मऊ, मिर्जापुर, सोनभद्र, वाराणसी, गोरखपुर, पटना, गया, सारण, बक्सर, गोपालगंज, चंपारण, नालंदा, रोहतास, भोजपुर और दरभंगा शामिल हैं। इसके बाद बारिश का क्षेत्र आगे बढ़कर उत्तर बंगाल तक पहुंचेगा, जिसमें मालदा, दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, बीरभूम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के इलाके शामिल रहेंगे। इस पूरे क्षेत्र में 3 नवंबर से मौसम साफ होना शुरू होगा और बारिश की गतिविधियाँ कम हो जाएँगी।







