उत्तर छत्तीसगढ़ और आसपास के झारखंड क्षेत्र पर बना गहरा निम्न दबाव क्षेत्र (Well-marked Low Pressure Area), जो कि चक्रवात मोंथा का अवशेष है, अब उत्तर-पूर्व दिशा की ओर बढ़ चुका है। अगले 12 घंटों में यह उत्तर बिहार तक पहुंच जाएगा। जैसे-जैसे यह सिस्टम पहाड़ी और असमतल इलाकों की ओर बढ़ेगा, यह धीरे-धीरे कमजोर पड़ जाएगा। हालांकि, इसके बावजूद उत्तर और उत्तर-पूर्व बिहार में अगले 24 घंटों तक व्यापक वर्षा गतिविधि जारी रहेगी, जो उसके बाद धीरे-धीरे कम होने लगेगी।

बिहार में हो रही बारिश, फोटो: Skymet
के कई जिलों में बे-मौसम बारिश
इस सिस्टम के प्रभाव से बिहार के ज्यादातर हिस्सों में बे-मौसम बारिश और गरज-चमक देखने को मिली। मोतिहारी, दरभंगा, मुज़फ्फरपुर, पटना, गया और भागलपुर में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। छपरा में 90 मिमी की भारी बारिश, जबकि फोर्ब्सगंज में 62 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। आने वाले दो दिनों में बारिश का असर पूर्वांचल क्षेत्र (Purvanchal) में अधिक रहेगा। अगले 24 घंटों में भारी और बिखरी हुई बारिश की संभावना है। जिसमें किशनगंज, कटिहार, अररिया, पूर्णिया, सुपौल और मधेपुरा जिला प्रभावित जिलों में शामिल हैं।
उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ते ही कमजोर होगा सिस्टम
जैसे-जैसे यह मौसम प्रणाली उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ेगी, इसका चक्रवाती परिसंचरण (Cyclonic Circulation) सिक्किम और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के ऊबड़-खाबड़ इलाकों में पहुंचकर टूट जाएगा। इसके अवशेष प्रभाव (Residual Effect) के रूप में अगले 24 घंटों तक उत्तर-पूर्व बिहार में हल्की बारिश जारी रह सकती है।
2 नवंबर से सुधार, खाड़ी में बन सकता है नया सिस्टम
2 नवंबर 2025 से मौसम में सुधार शुरू हो जाएगा। जबकि 3 और 4 नवंबर तक पूरे बिहार में आसमान साफ होने की संभावना है। 5 से 7 नवंबर 2025 के बीच बंगाल की खाड़ी में एक नया सिस्टम बनने की संभावना है। हालांकि यह सिस्टम कमजोर रहेगा, लेकिन इसके कारण फिर से हल्की और छिटपुट बारिश बिहार के कुछ इलाकों में देखने को मिल सकती है।






