पूर्व-मध्य अरब सागर पर बना डिप्रेशन (Depression) अब भी सक्रिय है। यह सिस्टम पिछले कुछ दिनों से क्षेत्र में इधर-उधर भटकता हुआ घूम रहा है। फिलहाल यह उत्तर-पूर्व दिशा में बढ़ रहा है और अगले 24 घंटों तक इसी दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। इसकी दिशा तट के करीब होने से बारिश का दायरा बढ़ेगा, लेकिन अगले 48 घंटों में इसके कमजोर पड़ने की भी संभावना है। हालांकि, यह प्रणाली अपने अवशेष रूप में अगले पांच दिनों तक हल्की गतिविधियां जारी रखेगी।
गुजरात में बीते 24 घंटों में अनियमित बारिश
गुजरात के अधिकांश हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान मौसम में अनियमित बदलाव देखने को मिला। मध्य गुजरात और सौराष्ट्र में मध्यम बारिश हुई साथ ही राज्य के अन्य हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई। वहीं, गाँधीनगर में 61 मिमी, वडोदरा में 27 मिमी, जबकि अहमदाबाद में 11 मिमी बारिश दर्ज की गई। उत्तर गुजरात और कच्छ क्षेत्र में हल्की और छिटपुट बारिश देखने को मिली।
अरब सागर में बना डिप्रेशन
अगले दो दिन सौराष्ट्र और गुजरात में बारिश
जैसे-जैसे डिप्रेशन तट के करीब पहुंचेगा, सौराष्ट्र के दक्षिणी तटीय इलाकों, खासकर खंभात की खाड़ी (कंबे की खाड़ी) के पास बारिश की गतिविधियाँ बढ़ेंगी। अगले दो दिनों में ये बारिशें मध्य और अंदरूनी गुजरात तक फैल जाएंगी। माहुवा, भावनगर, वेरावल, सोमनाथ, अमरेली, जूनागढ़, आनंद, अहमदाबाद, वडोदरा, गाँधीनगर और वल्लभ विद्यानगर इन सभी क्षेत्रों में बारिश का असर होने की संभावना है।
सिस्टम कमजोर, गतिविधि धीरे-धीरे कम होगी
उत्तर-पूर्व अरब सागर, खासकर कच्छ और सौराष्ट्र के पश्चिमी तटों के पास समुद्र की सतह का तापमान अपेक्षाकृत थोड़ा कम है। साथ ही, भूमि के निकटता (Land Proximity) से उत्पन्न घर्षण प्रभाव (Frictional Effect) मौसम प्रणाली को कमजोर कर देता है। इसी कारण यह डिप्रेशन धीरे-धीरे अपनी शक्ति खो देगा। अगले 48 घंटों के बाद बारिश की तीव्रता और विस्तार दोनों घटने लगेंगे। 4 नवंबर 2025 के बाद मौसम पूरी तरह साफ होने और गतिविधियों के समाप्त होने की संभावना है।






